एनएच-35 पर सुरक्षा की नई लेयर
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । राष्ट्रीय राजमार्ग-35 पर ग्राम सुखनन्दनपुर के पास हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने जिले को झकझोर कर रख दिया। इस दुखद घटना के बाद जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने पुलिस अधीक्षक के साथ 3 नवम्बर को घटनास्थल पर पहुँचकर मौके का स्थलीय निरीक्षण किया और सड़क सुरक्षा में लापरवाही पर नाराजगी जताई। उन्होंने राष्ट्रीय मार्ग खंड बांदा के अधिशासी अभियंता को तत्काल सुधारात्मक कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। वर्तमान में सड़क किनारे स्पीड लिमिट बोर्ड, दुर्घटना बाहुल्य स्थल संकेत, स्टॉप साइन बोर्ड, कैट आई, रोड मार्किंग व पुलियों पर हजारी बोर्ड लगाए जा चुके हैं। जिलाधिकारी के दिशा-निर्देश पर अब पटरी व जंगल की सफाई, क्रैश बैरियर की मरम्मत, ऐज लाइन, डबल सॉलिड सेंटर लाइन, रिपीटेड बार लाइन और जेब्रा क्रॉसिंग का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। पुलकित गर्ग ने साफ कहा कि सड़क सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी कोई त्रासदी दोबारा न हो।
![]() |
| सडक पर सुरक्षा चिन्हो पर सुधार करते कर्मचारी |
तो क्या पूर्व डीएम का काम सिर्फ मीटिंग लेना ही था? सवाल बड़ा है और तीखा भी- क्या पूर्व जिलाधिकारी का काम सिर्फ मीटिंग लेना था? सड़क सुरक्षा को लेकर बीते कार्यकाल में न जाने कितनी बैठकें हुईं, कितनी रिपोर्टें बनीं, लेकिन नतीजा? सड़कें फिर भी मौत के जाल में बदलती रहीं। हादसे होते रहे और प्रशासन मीटिंग पूरी की फाइल बंद करता रहा। अब जब नए जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने आते ही सड़क सुरक्षा के कामों की बारीक पड़ताल शुरू की, तो कई अनदेखे तथ्य सामने आए। सुखनन्दनपुर हादसे के बाद जब उन्होंने मौके पर पहुंचकर सुधार कार्य शुरू कराए, तब जनता के मन में एक सवाल फिर से गूंज उठा कि पूर्व डीएम को ये खतरे क्यों नहीं दिखे?
.jpeg)

No comments:
Post a Comment