कानपुर, प्रदीप शर्मा - वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक द्वारा तीन दिवसीय निशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार कैम्प का आयोजन आरोग्य क्लिनिक, लालबंगला स्वास्थ्य केंद्र, सी. एस. जे एम यूनिवर्सिटी कानपुर एवं राजकीय बाल गृह, कल्याणपुर कानपुर मेंकिया गया। इस अवसर पर नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन, महिला फोरम कानपुर की सचिव आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर वंदना पाठक, विनायक पाठक एवं विनीता पाठक द्वारा 160 बच्चों का निशुल्क स्वर्ण प्राशन किया गया.इसमें सभी बच्चो और उनके अभिभावकों को शीत ऋतु में कैसा भोजन करना चाहिए और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए के बारे मे जानकारी दी गई। डॉ वंदना पाठक ने बताया कि शीत ऋतु में शरीर को गर्म, ऊर्जावान और रोगों से सुरक्षित रखने के लिए गर्माहट देने वाला भोजन सूप,दलिया, खिचड़ी,अदरक, लहसुन,मेवा और बीज, गुड,मक्के की रोटी, बाजरे की रोटी नींबू, संतरा,आंवल,हल्दी वाला
दूध,शहद, आदि का सेवन करना चाहिए। स्वर्णप्राशन संस्कार के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। संस्कार की महत्ता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित 16 संस्कारों में से यह संस्कार बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में विशेष योगदान करता है। जिन बच्चों में यह संस्कार नियमित रूप होता है, उनमें मौसम और वातावरणीय प्रभाव के कारण होने वाली समस्याएं अन्य बच्चों की अपेक्षा कम देखी गयी हैं। स्वर्णप्राशन में प्रयुक्त होने वाली औषधि स्वर्ण भस्म, वच, गिलोय, ब्राह्मी, गौघृत, मधु आदि द्रव्यों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है। उन्होंने कहा बच्चों को नियंत्रित करने के लिए डांटना, पीटना आदि भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। अतः बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को मौसम के अनुसार फल और सब्जियों के सेवन के साथ-साथ स्वच्छता स्नेहपूर्ण लालन पालन पर विशेष बल दिया। इस अवसर पर राजकीय बाल ग्रह की शिक्षिका सुमन, स्वस्थ केंद्र के अनुराग, सिस्टर ऊषा मौजूद रहे।


No comments:
Post a Comment