1857 की जंग में फतेहपुर का सुनहरे अक्षरों में लिखा इतिहास
फतेहपुर, मो. शमशाद । 1857 की जंग में 8 जून का जिले में बड़ा महत्व है। आज के दिन 1857 में आजादी के मतवालों ने अंग्रेजों के ऊपर धावा बोलकर उनकी सेना को तहस-नहस कर दिया था और पूरे फतेहपुर को स्वतंत्र करा दिया था। जिसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। शनिवार को अरबपुर स्थित ठा. दरियाव सिंह की मूर्ति पर मोहम्मद आसिफ एडवोकेट सहित साथियों ने पुष्पांजलि व माल्यार्पण किया। इस अवसर पर धीरज कुमार ने कहा कि 1857 की जंग में फतेहपुर का इतिहास सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। तमाम रणबांकुरो ने अपने आप को न्योछावर
ठा. दरियाव सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते लोग। |
कर दिया था इसका गवाह आज भी बावनी इमली व शहर की कोतवाली है। मोहम्मद आसिफ एडवोकेट ने कहा कि 1857 की जंग में खागा से लेकर फतेहपुर शहर में डिप्टी कलेक्टर हिकमत उल्ला खां व जमरावां के ठाकुर शिवदयाल सिंह, कुटिया गुनीर बावनी इमली पूरे फतेहपुर में अलग-अलग जगह में अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 के जंग के सेनानियों ने बिगुल फूंक दिया था। यहां पर एक माह तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपनी स्वतंत्र सरकार चलाई थी। इस मौके पर एहसान अहमद एडवोकेट, इरशाद, सोहन गौतम, नूरुल, गाजी अब्दुर्रहमान गनी रहे।
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