सु-स्वागतम : रात के 12 बजते सतरंगी हो उठी दोआबा
फतेहपुर, मो. शमशाद । आखिर जिस घड़ी का अर्से से इंतजार था। रात 12 बजने के साथ इस पल ने जैसे ही दस्तक दी। समूची दोआबा की धरा में खुशियां बिखर पड़ी। देखते ही देखते दोआबा की रात सप्तरंगी हो उठी। वर्ष 2024 की विदाई और 2025 के इस्तकबाल में गर्मजोशी देखते बनी। कहीं पर डीजे की तेज धुन पर धमाल होता नजर आया तो कहीं भजन कीर्तन की सुरमई धुन गूंजती सुनी गई। साल भर के अनुभव समेटे हुए नए साल का स्वागत करने के लिए सामने आए लोग नई संभावनाओं के साथ अपनी अभिव्यक्ति का इजहार करते नजर आए। हरेक उम्र में नवीन साल की अगवानी को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। घड़ी में रात के 12 बजते ही पटाखे गूंजने लगे। केक कटकर खुशियों का इजहार किया गया। युवा वर्ग में इस सेलिब्रेशन को लेकर खास उत्साह और उमंग देखने को मिली। यही कारण रहा कि एजर्स के साथ यह जमात कहीं आस्था के शीश नमन करती नजर आई तो कहीं पर धूम धड़ाके के साथ आर्केस्ट्रा के मंच पर थिरकती दिखाई दी।
नये वर्ष के लिए बुके खरीदती किशोरियां।
कैंडल डिनर और भी न जाने क्या क्या
फतेहपुर। नए साल में कहीं पर कैंडल डिनर की व्यवस्था की गई तो कहीं पर केक पार्टी के इंतजाम किए गए। होटल रेस्टोरेंट में नए साल का उल्लास भी देखते बना। वैसे तो इन खानपान के ठिकानों पर सुबह से ही चहल-पहल में इजाफा देखने को मिला लेकिन जैसे-जैसे शाम ढलती गई वैसे-वैसे इन जगहों पर भीड़ बढ़ने लगी। हालत यह बंद पड़े कि तमाम लोगों को जगह खाली न होने के कारण बिना डिश इंजॉय के वापस लौटना पड़ा।
निकल पड़े लांग ड्राइव पर
फतेहपुर। न्यू ईयर को हैप्पी बनाने के लिए अलग अलग तरीके अख्तियार किए गए। किसी ने पर्यटन स्थल को चुना तो किसी ने घर में ही रहकर इस पल का फैमली के साथ इंजॉय किया। बाइक से लांग ड्राइव पर निकले वाले लोग ठण्ड के बीच ठिठुरते भी नजर आए, लेकिन नए साल के जश्न के आगे ठण्ड भी फीकी पड़ गई।
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