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Wednesday, December 18, 2024

संयुक्त निरीक्षण में दुरुस्त मिलीं कारागार की व्यवस्थाएं

70 वर्ष से अधिक उम्र के बंदियों की रिहाई को चलाया जा रहा विशेष अभियान

जिला जज समेत डीएम और एसपी समेत न्यायिक अधिकारियों ने किया कारागार का निरीक्षण

बांदा, के एस दुबे । जिला जज डॉ. बब्बू सारंग ने बुधवार को जिला कारागार का निरीक्षण किया। इस दौरान अपर जिला जज श्रीपाल सिंह व सीजेएम भगवानदास गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, डीएम नगेंद्र प्रताप और एसपी अंकुर अग्रवाल और पीडब्ब्लूडी के अधिशाषी अभियंता प्रांतीय खंड रूपेश सोनकर भी मौजूद रहे। संयुक्त निरीक्षण में जिला जज ने पाकशाला और बैरिकों का निरीक्षण भी किया गया। जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। पाकशाला के निरीक्षण में मीनू के अनुसार दोपहर के भोजन के लिए उड़द व चने की मिक्स दाल, रोटी व आलू बैंगन की सब्जी तैयार होती मिली। कारागार अस्पताल के निरीक्षण में कैंसर से पीड़ित दो बन्दियों से उनके इलाज व खान-पान के सम्बंध में जानकारी ली। अधोहस्ताक्षरी द्वारा अस्पताल में एडमिट बन्दियों को बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार 70 वर्ष से अधिक आयु के बन्दियों और गम्भीर अवस्था के बीमार बन्दियों की रिहाई के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें कैंसर से पीड़ित दोनो बन्दियों के नाम

कारागार में निरीक्षण के दौरान जिला जज, डीएम और एसपी।

प्रेषित किये जा चुके हैं।निरीक्षण के दौरान सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में योजित रिट याचिका (सिविल) संख्या 1404/2023 सुकन्या सान्था बनाम भारत संघ व अन्य में पारित निर्णय 3 अक्टूबर के अनुपालन में जिला जज औत बोर्ड ऑफ विज़टर्स के सदस्यगण द्वारा समस्त बन्दियों से किसी भी प्रकार का जातीय भेदभाव किये जाने अथवा अस्पृश्यता किये जाने के सम्बंध में जानकारी ली गई और बन्दियों को जानकारी दी गयी कि आप सभी आपस में किसी प्रकार की जातीय भेदभाव व अस्पृश्यता की भावना एक-दूसरे के लिए न रखें। इसके अतिरिक्त महिला बैरकों का निरीक्षण किया गया। जहां पर जिला जज ने आर्थिक रुप से कमजोर महिला बन्दियों के पास मुकदमों की पैरवी के लिए निजी अधिवक्ता न होने की दशा में निशुल्क अधिवक्ता प्रदान किये जाने के लिए जानकारी ली गयी तो चार महिला बन्दियों द्वारा बताया गया कि उन्हें मुकदमों की पैरवी के लिए अधिवक्ता प्रदान किये जा चुके हैं। जिलाधिकारी द्वारा महिला बैरक निरीक्षण में महिला बन्दियों को प्राप्त होने वाले वेजेज़ के संबंध में जानकारी ली तो बताया गया कि महिला बन्दियों के आधारकार्ड न होने के कारण बैंक खाते में खोले जाने में बाधा उत्पन्न हो रही है, जबकि कारागार अधीक्षक द्वारा वेजेज राशि का चेक दे दिया जाता है। इस पर पुलिस अधीक्षक ने जेल अधीक्षक आलोक सिंह को कारागार के ही सीयूजी मोबाइल नम्बर पर आधार कार्डो में डालने के लिए निर्देशित किया, ताकि ओटीपी सीयूजी नम्बर पर प्राप्त हो सके। महिला बन्दियों के आधार कार्ड बिना किसी बाधा के बनाये जा सकें। इससे उनके बैंक खाते खोले जा सकेंगे। इसके साथ ही महिला बंदियों के द्वारा बनाए जा रहे हैण्ड बैग, गुलदस्ते व स्वेटर आदि को बाजार में विक्रय कराने के लिए कारागार प्रशासन को निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक आलोक सिंह, जेलर राकेश कुमार मौर्य, उप जेलर निर्भय सिंह, आलोक त्रिवेदी व नरेन्द्र सिंह, राशिद अहमद डीईओ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समेत गजेन्द्र कुमार आशुलिपिक आदि मौजूद रहे।


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