रेवेरी महादेवी की दृष्टि को रंगों में श्रद्धांजलि कला प्रदर्शनी में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही बयार
बीपीएमए व केदार स्मृति न्यास के सहयोग से इंडियन बैंक के प्रायोजन में संपन्न हुआ भव्य कार्यक्रम
बांदा, के एस दुबे । भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी की ओर से आयोजित रेवेरी महादेवी की दृष्टि को रंगों में श्रद्धांजिल कला प्रदर्शनी में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बयार बही। गीतों और नृत्यों ने समां बांध दी। जवारा, महबुलिया, होली, बधाई, ढीमरिया गीतों के साथ बुंदेलखंड की समृद्ध कला और सांस्कृतिक परंपराओं को खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया। इस प्रदर्शन ने पारंपरिक और आधुनिक कला के संगम ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। महादेवी कुशवाहा फाउंडेशन और भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम केदार स्मृति न्यास के सहयोग से और इंडियन बैंक के प्रायोजन में संपन्न हुआ। रेवेरी कला प्रदर्शनी,
सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते प्रतिभागी बच्चे। |
जो उद्घाटन समारोह में आरंभ की गई, में प्रतिभागी कलाकारों की उत्कृष्ट कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया। ये कलाकृतियाँ परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करती हैं और युवाओं को कला और सृजनशीलता को जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए प्रेरित करती हैं। महादेवी कुशवाहा फाउंडेशन के संस्थापक अंकित कुशवाहा ने कहा कि रेवेरी महादेवी कुशवाहा की दृष्टि को साकार करने का एक प्रयास है और बुंदेलखंड की सांस्कृतिक समृद्धि को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का मंच है। यह पहल युवाओं के भीतर सृजनात्मकता को बढ़ावा देने और कला के प्रति उनके रुझान को प्रोत्साहित करने का कार्य करती है। शिवशरण कुशवाहा ने सभा
प्रमाण पत्रों के साथ प्रतिभागी और पीछे खड़े अतिथि। |
को संबोधित करते हुए कहा रेवेरी केवल एक कार्यक्रम नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित और प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है। यह कला से जुड़ाव को गहरा करने और अगली पीढ़ी को इसे एक सार्थक दिशा में अपनाने के लिए प्रेरित करता है। राम लखन कुशवाहा ने कहा यह प्रदर्शनी महादेवी कुशवाहा के उस स्वप्न को साकार करती है, जिसमें उन्होंने कला को समाज का अभिन्न अंग बनाने की कल्पना की थी। नरेंद्र पुण्डरीक सचिव केदार स्मृति न्यास) ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से न केवल स्थानीय कला को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि यह युवाओं को कला और संस्कृति के महत्व को समझने का अवसर भी प्रदान करता है। जोनल हेड इंडियन बैंक घनश्याम कुमार ने कहा कि जो इस आयोजन के प्रमुख प्रायोजक हैं, ने कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए अपनी समर्थन और प्रतिबद्धता को दर्शाया। चित्रकार वाज़दा खान ने आर्ट गैलरी में
पेंटिंग बनातीं चित्रकार वाजदा खान। |
लगाये गये चित्रों का क्रिटिक नोट जारी करते हुये कहा कि प्रयाग शुक्ल,अखिलेश, विवेक टेंबे, कपिल कपूर, प्रियंका सिन्हा, जयशंकर मिश्र अपनी शैली के दक्ष कलाकार हैं। प्रयाग शुक्ल के चित्र जहां मन में ऊर्जा और उल्लास का संचार करते हैं, वही अखिलेश जी के चित्र सूफियाना स्पर्श , अपनी लम्बी कथा यात्रा को प्रतिविम्बित करते हैं , विवेक टेंबे जी की चित्र जनजातिय और लोक कला के चित्रों को में सहजता को लाते हैं , वही जयशंकर मिश्र के चित्र रंग व आकर का स्पेस बनाते हुये चलते हैं , प्रियंका सिन्हा के चित्र सूक्ष्म भावों को रंगो के प्रकाश में नये आलोक भरते हैं। इस दौरान केदार न्यास के सचिव नरेंद्र पुंडरीक, विवेक यादव, डॉ. शबाना रफीक, शिवफल सिंह, डॉ. शशिभूषण मिश्रा , डॉ. दीवाली गुप्ता, डॉ. सबीहा रहमानी, डॉ. अंकिता तिवारी, आनन्द किशोर लाल, उमा पटेल, छाया सिंह, चंद्रमौलि भारद्वाज , श्याम निगम, नवल किशोर चौधरी, मनीष गुप्ता, राजकुमार गुप्ता और लोग मौजूद रहे।
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