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Sunday, January 19, 2025

वन गमन और पुत्र वियोग लीला देखकर दशक भावविभोर

वनवासी रामलीला के दौरान कलाकारों ने किया संजीव मंचन

तिंदवारी, के एस दुबे । विकासखंड की ग्राम पंचायत पिपरगांव में तीन दिवसीय रामलीला के पहले दिन भगवान राम के वनवासी लीला का शुभारंभ जल शक्ति राज मंत्री रामकेश निषाद ने भगवान राम की आरती उतार कर की। वन गमन के समय पुत्र वियोग में महाराज दशरथ का विलाप देख कर दर्शकों की आंखों से अश्रु धारा बहने लगी। पिपरगंवा में आयोजित हो रही सजीव राम लीला के मंचन में अयोध्या नरेश महाराज दशरथ ने विचार किया कि राम को अयोध्या का राजा बनाया जाए। उन्होंने अपने मंत्री सुमंत को बुलाकर बड़े बेटे राम को राजा बनाए जाने के लिये राज्याभिषेक की तैयारी करने का आदेश दिया। यह सूचना जैसे ही महारानी कैकेयी की दासी मंथरा को प्राप्त हुई, मंथरा ने महारानी के कान भरना शुरू कर दिया। महारानी कैकेयी मंथरा की बातों को मानकर राजा दशरथ से

श्रीराम लीला का मंचन करते हुए कलाकार

अपने पुराने दो वरदान मांगे। राजा दशरथ ने महारानी कैकेयी को दोनों वरदान देने का निर्णय करते हुए कहा कि हम रघुवंशी हैं, हम अपने दिए गए वचन को निभाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। कैकेयी ने अपने पुत्र भरत को राजतिलक और कौशल्या पुत्र राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगा। वन गमन को भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ वन गमन करने को प्रस्थान किया, वैसे ही राजा दशरथ फूट-फूट कर रोने लगे और पूरी अयोध्या नगरी में शोक छा गया। राम तमसा नदी के किनारे पहुंचे। जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में जल शक्ति राज मंत्री रामकेश निषाद ,भाजपा मंडल अध्यक्ष अनूप तिवारी, जिला उपाध्यक्ष किसान मोर्चा कृष्ण कुमार शुक्ला, यूपीएससी प्रवक्ता आशीष चंदेल, ब्लॉक शिक्षक संघ अध्यक्ष हरबंस श्रीवास्तव, उत्तरी सहकारी समिति अध्यक्ष अभय प्रतापसिंह परिहार, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष आशीष सिंह, उपाध्यक्ष समर सिंह, नीलू सिंह, गौरव, सूरज, सुनील करण सिंह, राजीव सिंह, शीलू शर्मा, मोनू यादव, सरवन यादव मौजूद रहे।


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