आधी आबादी को घर में कार्य के दौरान लगती रहती है चोट
नरैनी, के एस दुबे । सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र में चल रहे प्रथमिक चिकित्सा उपचार का तीसरे दिवस में बहू-बेटियों को फर्स्ट एड आवश्यक अपोलो टेलीक्लिनिक व कौशल केन्द्र अतर्रा पैरामेडिकल वोकेशनल इंस्टीट्यूट ट्रेनर कुमारी अंजली तिवारी ने बताया कि ज्यादातर आधी आबादी ही घरों में निवास करती है, जिनका मुख्य कार्य खाना-पीना, घर की साज-सज्जा के साथ छोटे-बच्चों की परवरिश शामिल है, जहां आए दिन छोटी-बड़ी चोटों का
प्रशिक्षण के दौरान महिला की जांच करतीं प्रशिक्षक |
सामना बहू-बेटियों को करना पड़ता है, ऐसे में यदि यह संख्या प्रशिक्षत है तो बड़े जोखिम को तत्काल में कम कर निकटतम प्रथमिक एवं उच्च प्राथमिक चिकित्सालयों में परामर्श प्राप्त कर आफत काल को सहज ही टाल सकते है यह फर्स्ट एड ट्रेनिंग से ही सम्भव है जिसमें जख्म-घाव को साफ करना पट्टी करना सतर्कता रखना चोट की गंभीरता हो समझना खून रोकने एवं जलने के प्राथमिक उपाय बताये गये और प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनर ने यह भी बताया कि यह प्रशिक्षण नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा नि:शुल्क कराया जा रहा है जिसमें 12वीं पास कोई भी किसी भी उम्र की बहू-बेटियां प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती है।
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