रामनगर/चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । रामनगर में नाथ अग्रहरि के आवास पर चल रही सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में चित्रकूट से पधारे प्रसिद्ध कथा व्यास विनय कृष्ण शास्त्री ने श्रोताओं को भगवान श्री कृष्ण के पावन चरित्र से अवगत कराया। इस कथा के छठे दिन कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण की भक्ति व प्रेम के महत्व को रेखांकित किया। कहा कि भगवान केवल भक्त के प्रेम के भूखे होते हैं व उन्हें भक्ति से ही प्राप्त किया जा सकता है।
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कथा सुनाते पं विनय कृष्ण शास्त्री |
कथा में विनय कृष्ण शास्त्री ने पांडवों के वंशजों के प्रतापी राजाओं के चरित्र को भी संक्षेप में प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवान श्रीष्ण की बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया व गोवर्धन लीला की महिमा का भी वर्णन किया। साथ ही, कथा व्यास ने पूतना वध, अघासुर वध व माखन चोरी की कथाओं का भी गहन विवेचन किया। कथा के इस दिन में विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण के विवाह की कथा, विशेषकर रुक्मणी विवाह की कथा का भी सुंदर विस्तार से वर्णन किया गया। इस संगीतमयी कथा को सुनने के लिए गांव के तमाम श्रद्धालु मौजूद रहे।
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