देवेश प्रताप सिंह राठौर
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश झांसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अनेक शोध पत्र प्रस्तुत
झांसी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग ने वर्तमान समय में जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रभावित व्यक्तियों ने इसके नकारात्मक को सकारात्मक प्रभावों के बारे में अपने विचार रखे हैं। डाटा साइंटिस्ट की जिम्मेदारी है कि वह इसका उपयोग मानव के विकास में करें। उक्त विचार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने गणित विभाग द्वारा आयोजित "वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए मशीन लर्निंग और डेटा साइंस" विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। सम्मेलन के दूसरे दिन असम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रदीप्तौ दास ने इंटेलिजेंट राउटिंग टेक्निक इन आईओटी एंड क्लाउड पर अपने विचार रखें। दूसरे सत्र में कोटा यूनिवर्सिटी के डॉ एके शर्मा ने उद्योगों के सतत
विकास में मशीन लर्निंग के प्रभाव को रेखांकित किया। टेक्निकल सेशन के तीसरे सत्र में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के डॉ प्रशांत उपाध्याय ने मानव पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभावों के बारे में जानकारी दी। लगभग 50 छात्रों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। कॉन्फ्रेंस चेयर आलोक वर्मा एवं प्रोग्राम चेयर प्रोफेसर सौरभ श्रीवास्तव एवं प्रोफेसर अवनीश कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। सम्मेलन के संयोजक डॉ धर्मदास कुम्हार ने विषय की प्रस्तावना रखी। आभार डॉ अतुल मकराडिया एवं डॉ अनिल केवट ने व्यक्त किया। संचालन डॉक्टर अंजलि सक्सेना एवं डॉक्टर किस्मत चिल्लर ने किया। इस अवसर पर डा धर्मेंद्र बादल, डा धर्मेंद्र कचनं उपस्थित रहे। सम्मेलन में एमसीए, बीसीए, बीएससी- मैथ्स, स्टेट्स एवं कंप्यूटर साइंस, एमएससी मैथमेटिक्स के लगभग 600 छात्रों ने प्रतिभागिता की।
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