देवेश प्रताप सिंह राठौर
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश लखनऊ में सरकार से गुजारिश करता हूं सहारा इंडिया की तरफ नजर रखें और देखें कितना अन्याय हो रहा है और हुआ है कौन लोग डायरेक्टर हैं कौन लोग पड़े अधिकारी हैं सभी विभागों की जांच कराए तो उनकी आय से अधिक मामला सामने आएगा अगर सरकार जांच कर दे, जिस तरह से सहारा इंडिया कर्मचारियों को निकाले जा रहे है, हमें भी उसी कड़ी से निकला अगर बुलाकर कह देते प्रबंध तंत्र कि हम अब आपकी सेवाएं नहीं ले सकते कंपनी को दिक्कत है, आप अपना रास्ता ले ले ले तो मुझे लगता है, हर व्यक्ति अपना रास्ता ले ले ऐसी स्थित मेंऔर आपका सम्मान भी बड़ जाता आप का आपने सही बोला, लेकिन जिस तरह निकाला जाता है,यह तरीका सही नहीं है । क्योंकि ऑफिस अधिकतर बंद है उनका ट्रांसफर दूर-दूर कर दिया जाता है। सैकड़ो सैकड़ो
किलोमीटर दूर और वेतन लोगों को मिल नहीं रहा है, आर्थिक रूप से वैसे ही परेशान है सहारा इंडिया धोखे से कर्मचारियों को इधर-उधर स्थानांतरण कर रही है , लोगों को मजबूर कर देती है रिजाइन के लिए मेरा ख्याल है अगर सहारा इंडिया के प्रबंध तंत्र एक मीटिंग करके सभी से कह दें अभी तक हमने आपको खूब अच्छा वेतन दिया खूब अच्छी तरीके से आपको सुविधा पूर्वक रखा आज हम आप लोगों की सेवाएं नहीं ले सकते हैं वेतन नहीं दे सकते इस लिए हमारे पास आप लोगों की सेवाएं लेना मुश्किल हो रहा है, वेतन देना आप लोग को नहीं दे पा रहे है,अपना रास्ता ले ले मुझे लगता है ऐसी स्थिति में कोई भी नहीं रुकेगा आपका सम्मान करते हुए नौकरी छोड़कर चले जाएंगे लेकिन धोखा देकर परेशान करके निकालने की प्रक्रिया जो चल रही है वास्तव में बहुत ही अमानवीय व्यवहार है, सिर्फ सहारा इंडिया परिवार के नाम से अभी तक आप छलावा करते आए हैं, जबकि सहारा परिवार दूर-दूर से नहीं है जो ईश्वर देख रहा है क्योंकि ईश्वर की लाठी में बड़ी दम होती है, वह आप देख चुके हैं 10 एवं 12 साल से वह दम ईश्वर ने दिखाई सहारा इंडिया में कर्मचारी जितने अच्छे-अच्छे पदों पर रहे हैं भ्रष्टाचारी अच्छे-अच्छे पदों पर बैठे हुए थे उनकी क्या संपत्तियां हैं उन्होंने क्या-क्या घोटाले किए है ,सहारा इंडिया में रहकर ,वह सब सामने आ रहा है देख रहे हैं कितनी डायरेक्टर बर्खास्त कर निकाल दिए गए हैं, जो इस समय जिस समस्या से सहारा इंडिया गुजर रही है, तब यह घोटाला कर रहे हैं भ्रष्टाचारी कर रहे हैं ,जब सहारा इंडिया चरम पर थी तो उन्होंने कितना लूटा होगा किस तरह लूटा होगा इसका स्मरण करिए , जो लोग बर्खास्त किए गए जिन लोगों ने डायरेक्टर पद छोड़ दिया है अधिकारी पद छोड़ दिया है उन्होंने इतना कमा लिया है पैसा कई पीढ़ी बैठकर खा सकती है , उनको अब सहारा इंडिया की जरूरत नहीं है,बर्खास्त कर दिए गए और भी बहुत से डायरेक्ट हैं, डायरेक्टर से नीचे की पोस्ट के हैं बहुत से अधिकारी हैं जिनके पास आए से अधिक मामला सामने आएगा अगर जांच सरकार कर ले मैं सरकार उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग करूंगा कि एक बार सहारा इंडिया के वरिष्ठ डायरेक्टरो की अधिकारियों की आए क्या थी नौकरी शुरुआत करते समय, आज क्या है इसको समझ कर देख कर जांच कर ले दूध का दूध पानी का पानी सब नजर आ जाएगा, आज उनकी हैसियत कितनी है , बड़े-बड़े फार्म हाउस हैं देश के कई राज्यों में उनके मकान है और उनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं, सहारा इंडिया का गेस्ट हाउस है वहां रहकर उनके बच्चे पढ़ते हैं दिल्ली में मुंबई में जबकि वह इतना अच्छा-अच्छा वेतन पाते हैं किराए पर मकान लेकर रह सकते हैं, वहीं पर छोटा सा कर्मचारी उन गेस्ट हाउस में अपने बच्चों को नहीं रुकवा सकता नहीं सोच सकता है सोच लिया तो समझो बहुत बड़ा गुनाह कर दिया बेइज्जती कर दी जाएगी यह सहारा इंडिया परिवार है मित्रो,जिस कारण आज बर्बाद हो गया है, मैं फिर कह रहा हूं ईश्वर की मार बहुत बुरी होती है , क्योंकि मैं ईश्वर को बहुत मानता हूं, उनके द्वारा मुझे सत्य लिखने की हिम्मत प्रदान होती है, ईश्वर की लाठी मे आवाज नहीं होती है। सहारा इंडिया खुद नहीं चाहती है कोर्ट से कोई डिसीजन कर्मचारी या सहारा इंडिया के पक्ष में हो नहीं 12 साल हो गए हैं अभी तक चाहते तो कुछ ना कुछ पॉजिटिव रिजल्ट आ जाता लेकिन वह तारीख पर तारीख लेकर समय काट रहे हैं। सहारा इंडिया परिवार में एक विशेष बात है जिस अधिकारी की आप शिकायत करेंगे आपका वही अधिकारी आपका जांच अधिकारी बनेगा है अचंभा।
Bilkul esa hi he shara ke sare adhikariyo ki janch honi chahiye
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