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Sunday, November 23, 2025

सिक्ख धर्म के नवम गुरु, तेग बहादुर नाम......

शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 412 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी आयोजित

फतेहपुर, मो. शमशाद । शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 412 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन केपी सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के पुजारी विजय कुमार शुक्ल उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए केपी सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा सरस्वती मां, आइए, करो नमन स्वीकार। वाणी-पुत्रों के करो, सभी स्वप्न साकार।। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया दुखिया या संसार में, सुखिया मिला न कोय।। एकै वह सुखिया मिला, भगत राम का जोय।। राम अवतार गुप्ता ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया- सिक्ख धर्म के

काव्य गोष्ठी में भाग लेते कवि एवं साहित्यकार।

नवम गुरु, तेग बहादुर नाम। जो भारत के कवच थे, शत-शत उन्हें प्रणाम।। प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये- है शुभ घड़ी ध्वजारोहण की, मंदिर पर श्रीराम के। देव, मनुज सब मांगें दर्शन, परम अयोध्या धाम के।। डॉ शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए जारी कर अधिसूचना, श्रमिक किए खुशहाल। कठिन परिस्थितियां सहीं, सहे दुरूख बहुकाल।। काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक मुक्तक के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किये- बने राममंदिर सबका मन, धर्मध्वजा नित फहरे। सकल सृष्टि हो जाय अयोध्या, सत् की सरयू लहरे।। कार्यक्रम के अंत में पुजारी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।


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