कानपुर, प्रदीप शर्मा - छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक विशेष अतिथि व्याख्यान का आयोजन बुधवार को अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ़ लीगल स्टडीज़, विधि विभाग के तत्वावधान में सेंटर ऑफ़ एकेडेमिक्स के कॉन्फ्रेंस कक्ष में किया गया। जिसमें विशिष्ट अतिथियों एवं शिक्षाविदों ने मानवाधिकारों के महत्व पर व्याख्यान दिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं संसाधन व्यक्ति जेल अधीक्षक ज़िला कारागार कानपुर नगर डॉ. बी. डी. पांडे रहे व अध्यक्षता प्रोफ़ेसर सुधीर कुमार अवस्थी, निदेशक एवं प्रो-वीसी, सीएसजेएमयू ने की। इस अवसर पर प्रो. अवस्थी ने मानवाधिकारों के वैश्विक महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि घृणा अपराध से होनी चाहिए अपराधी से नहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, लिंग अथवा सामाजिक पृष्ठभूमि
के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव अनुचित है। उन्होंने मानव मूल्य आधारित पाठ्यक्रमों के समावेशन तथा न्याय के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विधिक सहायता कार्यक्रमों को सुदृढ़ बनाने पर बल दिया। डॉ बी डी पांडे ने कहा कि मुख्य मानवाधिकारों की उत्पत्ति, सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा तथा उसके अंगीकरण में भारत की भूमिका जो 54 देशों में से एक था के बारे में बताया । उन्होंने मानवाधिकार उल्लंघन की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए विभिन्न जनपद कारागारों में अपने अनुभव साझा किए। डॉ. पांडे ने वाराणसी जेल में अपने कार्यकाल के दौरान आधुनिक तकनीकी संसाधनों के उपयोग और प्रशासनिक सुधारों की जानकारी भी दी। इस अवसर पर शशिकांत त्रिपाठी आशुतोष बाजपेई, डॉ दिव्यांश शुक्ला, डॉ स्मृति रॉय ,अशुतोष बाजपेयी मौजूद रहे।


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