कानपुर, प्रदीप शर्मा - चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा फसल अवशेष योजना के अंतर्गत स्कूल स्तरीय विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को श्री अयोध्या सिंह सार्वजनिक इंटर कॉलेज काशीपुर कानपुर देहात में किया गया। जिसमें 140 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुआ। जिसमें मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने कहा कि किसानो के फसल अवशेषों में आग लगा देने से पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ मृदा में पोषक तत्वों का नुकसान होता है।उन्होंने छात्र-छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि पराली को खेत में मिला देने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।उन्होंने ने बताया
कि खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों,फलों एवं अन्य फसलों में स्वाद व गुणवत्ता की बहुत कमी आ जाती है। जो कि फसल अवशेषों की खाद को मृदा में मिलाने से बढ़ाई जा सकती है। इस अवसर पर डॉ खान ने बताया कि पशुओं द्वारा गोबर की खाद को मिलाने व फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा में जीवांश क्षमता बढ़ती है। गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित नवीन कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध लेखन,चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य कौशलेंद्र बाजपेई ने सभी अतिथियों को धन्यवाद देने के साथ कहा कि छात्र अपने अभिभावकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक हरनाम सिंह गौर, रघुनाथ सिंह तोमर, धर्मेंद्र सिंह सेंगर एवं महेश चंद्र सहित कई अध्यापक एवं अन्य विद्यालय स्टाफ मौजूद रहे।


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