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Thursday, June 20, 2024

पारे में गिरावट से गर्मी की मामूली सी राहत

तेज हवा के साथ कई स्थानों पर हुई बारिश का असर

बुधवार की अपेक्षा गुरुवार तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की आई कमी

फतेहपुर, मो. शमशाद । लगातार लाल हो रहे पारे से बेहाल जनजीवन को गुरुवार थोड़ी तसल्ली मिलती दिखाई दी। बुधवार की शाम तेज हवाओं के साथ कई स्थानों पर हुई बारिश के कारण दिन के तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तापमान में गिरावट आई। जिससे दोपहर को सड़कों पर दिखाई देने वाला सन्नाटा कुछ हद तक छटा नजर आया। हालांकि घर और ऑफिस से वही बाहर निकले, जिनका निकालना जरूरी रहा। कामगार तबका रोज की तरह दो वक्त की रोटी के लिए पसीना बहाता नजर आया। साढ़े छह दशक बाद जिले में जिस तरह गर्मी ने कहर बरपाया। उससे तमाम जिंदगी असमय मौत के ग्रास में जाकर खामोश हो गई। किसी की राह चलते जान निकल गई तो किसी ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। ऐसा इसलिए हुआ कि यहां पर तापमान 46 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। तापमान का यह मिजाज जनजीवन पर इस कदर भारी पड़ता रहा कि सड़क से लेकर बाजार तक शाम तक बेजार बनी रहीं। बुधवार को भी तापमान 43 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया गया। जिसमें 24 घंटे के अंदर तीन से चार डिग्री सेल्सियस का सुधार हुआ। गुरुवार को दोपहर एक बजे अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो अन्य दिनों में 43 से 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता रहा। यही कारण रहा कि फ्री मानसून बारिश की दस्तक से गर्मी से झुलस रही अवाम ने राहत की सांस ली। बुधवार शाम मौसम की मेहरबानी से तेज हवाओं के झोंके के साथ कई स्थानों पर बारिश होने से लगातार लाल हो रहे पारे में गिरावट आई। कुछेक दिन से जानलेवा बनी गर्मी के सितम में आए इस बदलाव का नतीजा यह रहा कि गर्म हवा फेंकने वाले कूलर और पंखे गुरुवार को अपनी उपयोगिता साबित करते नजर आए। गर्मी कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली। यही कारण रहा कि एयर कंडीशनर का उपयोग अन्य दिनों की अपेक्षा गुरुवार को कम किया गया।

जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीज देखते चिकित्सक।

दूसरे पहर पसर गया ओपीडी में सन्नाटा

फतेहपुर। भले ही कई दिन बाद तापमान में गिरावट आई लेकिन इसका कई सेक्टर पर खास असर देखने को नहीं मिल सका। मसलन अगर स्वास्थ्य की ही बात करें तो मौसम के कहर से बचने के लिए लोग घरों में ही दुबके रहे। हालत यह रहे कि दोपहर 12 बजे के बाद जिला अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में सन्नाटा प्रसार गया। दूसरे पहर भीड़ का आलम सिर्फ दवा वितरण कक्ष में देखने को मिला। जिले के बड़े अस्पताल में बुधवार को 1150 मरीज ओपीडी का हिस्सा बने जबकि गुरुवार आंकड़ा 1200 पार था।


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