रिपोर्ट देवेश प्रताप सिंह राठौर
झांसी। भारत सरकार के विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त महत्वाकांक्षी परियोजना टेक्नोलॉजी इनेबलिंग सेंटर के अंतर्गत स्किल ट्रेनिंग फॉर रिसर्च इनोवेशन एंड डेवलपिंग एंट्रेप्रेन्योरशिप (स्ट्राइड) कार्यक्रम के प्रथम बैच का आज शुभारम्भ कर दिया गया I उत्तर प्रदेश के समस्त केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों में से केवल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त उक्त परियोजना के अंतर्गत प्रारम्भ किये गए स्ट्राइड कार्यक्रम के चार चरणों के माध्यम से लगभग २०० शोधकर्ता, इन्नोवेटर्स और एंट्रेप्रेन्योर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है I कार्यक्रम के प्रथम चरण में ४५ दिनों तक आधुनिक रिसर्च मेथोडोलॉजी के रिसर्च डिज़ाइन, सैंपल डिज़ाइन, रिसर्च एथिक्स, पब्लिकेशन एथिक्स इंडेक्सिंग, डाटाबेसेस, कंप्यूटर एप्लीकेशन इन रिसर्च सहित १३ यूनिट्स का ज्ञान २८ से अधिक आतंरिक एवं वाह्य विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को दिया जायेगा। तदुपरांत दूसरे
चरण में इनोवेशन सेंटर में उपलब्ध विभिन्न उपकरणों पर ३० दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी, कार्यक्रम के तीसरे चरण में प्रतिभागियों को परियोजना लेखन, परियोजना हैंडलिंग, आइडिएशन आदि का प्रशिक्षण दिया जायेगा जिसके बाद प्रतिभागी डीएसटी-टेक के टेक्नोलॉजी हैकाथॉन में सीधे प्रवेश कर सकेंगे I टेक्नोलॉजी हैकाथॉन में चयनित प्रतिभागियों को नए तकनीक विकसित करने के लिए ५० हज़ार तक का सीड फण्ड दिया जायेगा साथ ही विकसित किये गए उत्पाद का पेटेंट लिए जाने में भी सहायता प्रदान की जाएगी। उल्लेखनीय है कि उक्त हैकाथॉन के माध्यम से अब तक १० इनोवेटिव आइडियाज को सपोर्ट किया जा चुका है जिसमे से ६ के IPR प्रकाशित हो चुके हैं। स्ट्राइड के वर्तमान बैच में अन्नामलाई विश्वविद्यालय, तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरी सिंह गौर सागर विश्वविद्यालय, श्री राम कृष्णा कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी तमिलनाडु एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर सहित कुल ३० शोधार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यक्रम के पहले दिन आज रिसर्च मेथोडोलॉजी, रिसर्च डिज़ाइन विषय पर इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंस विभाग की डॉ एरा तिवारी द्वारा अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। वर्तमान में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए इसकी शुरुवात ऑनलाइन माध्यम से की गयी है I सभी का स्वागत कार्यक्रम के समन्वयक डॉ लवकुश द्विवेदी द्वारा किया गया। इस दौरान डॉ निष्ठा व्यास मौजूद रहीं।
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