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Sunday, June 16, 2024

मां गंगा है संस्कृति, भारत की पहचान

शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की रविवासरीय काव्य गोष्ठी संपन्न 

फतेहपुर, मो. शमशाद । शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले एक सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन शिव सागर साहू की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के महंत स्वामी रामदास उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए केपी सिंह कछवाह ने वाणी वंदना में अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा ज्ञान दायिनी मातु शारदे, अर्पित रोली चंदन। आकर कंठ विराजो माते, है चरणों में वंदन। कार्यक्रम को गति देते हुए आगे कविता पढी़ मां गंगा है संस्कृति, भारत की पहचान। भुक्ति-मुक्ति देती सभी, करती अभय प्रदान।। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार प्रस्तुत किया मोदी जैसा नेता मिलता, युगों युगों पश्चात। नदी-नाव संयोग बना है, बहुत

साप्ताहिक काव्य गोष्ठी में हिस्सा लेते कवि एवं साहित्यकार।

दिनों के बाद।। शिव सागर साहू ने अपने विचार काव्य मे इस प्रकार प्रस्तुत किए भारत में निर्मित हुआ, नाग अस्त्र वन ड्रोन। चकमा दे राडार को, रिमोट चालित त्रोन।। दिनेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया महिमा गंगा मातु की, अद्भुत, अमित, अनंत। ब्रह्मादिक, वेदादि, कवि-कोविद गाते संत।। सुन्दरम सोनी ने काव्य पाठ किया पितृ भक्ति ही धर्म है, कहते वेद-पुराण। पूज्य पिता को नमन कर दें उनको सम्मान।। प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये  जन्म दिवस जब-जब पड़े, घर में हो शुभकाम। तब-तब वृक्ष लगाइये, जग में होवे नाम।। काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक गीत के माध्यम से कुछ यूं व्यक्त किये मां गौरा की बड़ी बहन, मां गंगे, हरदम साथ निभाना। अंत समय अपनी गोदी में, बिठला शिव जी तक ले जाना।। कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया। आयोजक ने आभार व्यक्त किया।


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