संचारी रोग नियंत्रण अभियान पर भी नहीं दिख रही गंभीरता
स्वच्छता अभियानों के बाद भी गांव में पसरी है गंदगी
फतेहपुर, मो. शमशाद खान । एक ओर संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और ग्राम पंचायत का चयन साफ सुथरी पंचायत के रूप में किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर पंचायतों में कई गांवों में गंदगी पसरी है। इसके कारण लोगों को आने-जाने में भी परेशानी हो रही है शौचालय भी आधे अधूरे बने हैं और कहीं-कहीं शौचालय के दरवाजे ही बंद है। गांवों में फैली गंदगी से संक्रामक बीमारियों को खतरा मंडराता रहता है। बहुआ, तेलियानी, हसवां, अमौली समेत अन्य ब्लाकों के गांवों में साफ सफाई का आभाव दिखता है। यहां पर तैनात सफाई कर्मचारी या तो घर बैठे पगार ले रहे हैं या फिर सप्ताह में एक दिन खानापूरी कर रहे हैं। ऐसे में संचारी रोगों पर नियंत्रण कैसे हो पाएगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इन गांवों की गलियां गंदे पानी से भरी पड़ी है जिससे आना-जाना मुश्किल है। नालियों की सफाई न होने के कारण नालियों का गंदा पानी भी गलियों में बहता है। एक गांव से दूसरे गांव तक जाने में भी यह रास्ते बड़े बाधक हैं और इसी गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। गांव की गलियों में गंदगी पसरी है लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं है। गाजीपुर के महमदपुर गांव की गली में कीचड़ भरा है और लोग उसी से निकलने को मजबूर हैं। इसी तरह भिटौरा के तारापुर गांव में रास्ते पर भी पानी भरा होने के कारण दलदल की स्थिति बनी हुई है।
गांव में फैली गंदगी।
शौचालयों की नहीं होती सफाई
विभिन्न गांवों में सामुदायिक शौचालय भी बनवाए गए हैं। कई सामुदायिक शौचालयों में अक्सर ताला लगा रहता है, जबकि यहां पर केयर टेकर की तैनाती भी रहती है और उसे निर्धारित मानदेय भी दिया जाता है। शौचालय के मुख्य द्वार पर ही गदंगी जमा दिखाई देती है।
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