तत्कालीन थानाध्यक्ष व दरोगा पर मुकदमे का आदेश
फतेहपुर, मो. शमशाद खान । न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में गोवध निवारण अधिनियम के चल रहे मुकदमे की अंतिम सुनवाई करते हुए विद्वान न्यायाधीश ने सभी चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए जहां बरी कर दिया वहीं तत्कालीन थानाध्यक्ष व दरोगा पर मुकदमा दर्ज कराए जाने का भी आदेश जारी किया है। बताते चलें कि जाफरगंज थाना क्षेत्र के प्रतापपुर में 28 नवंबर 2013 को पुलिस ने जंगल में कथित रूप से गोवंशीय पशु का वध किए जाने के आरोप में जमील अहमद, मोबीन, ताहिर व मुन्ना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता जावेद खान ने अपनी दलीले न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कीं। जिसमें बताया गया कि मुल्जिमान को
वरिष्ठ अधिवक्ता जावेद खान। |
फर्जी फंसाया गया था। दौरान गिरफ्तारी मुल्जिम जमील की मोटरसाइकिल पुलिस ने थाने में खड़ी कराई थी परन्तु न्यायालय के समक्ष गाड़ी न होने की आख्या भेजी थी। जिसमें न्यायालय ने एडवोकेट कमीशन भेजे जाने पर गाड़ी थाने में बरामद हुई। जिसके बाद न्यायालय में गलत आख्या प्रेषित करने पर विद्वान न्यायाधीश नन्दिनी उपाध्याय ने संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को जहां दोष मुक्त कर दिया वहीं तत्कालीन थानाध्यक्ष आरसी दीक्षित के अलावा वादी मुकदमा उपनिरीक्षक रामवीर के विरूद्ध न्यायालय में मुकदमा लिखाए जाने का भी आदेश किया है। न्यायालय से बरी होने के बाद आरोपियों में खुशी की लहर दौड़ गई। न्यायालय में जोरदार पैरवी के लिए सभी ने वरिष्ठ अधिवक्ता जावेद खान को बधाई दी।
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