1460 मरीजों ने सोमवार को पर्चा बनवाकर चिकित्सकों से प्राप्त किया उपचार
पर्चा काउंटर, दवा काउंटर में मरीजों की जबरदस्त रही भीड़, धक्का-मुक्की भी हुई
पर्चा काउंटर और दवा काउंटर में एक-एक होमगार्ड रहे तैनात, तमाशबीन बने रहे
बांदा, के एस दुबे । गुरुवार को होलिका दहन के अवकाश से रविवार तक सरकारी अस्पताल बंद रहा। सोमवार को अस्पताल खुलते ही मरीजों की जबरदस्त भीड़ अस्पताल पहुंच गए। 1500 मरीजों ने उपचार कराया, जबकि 1460 मरीजों ने ओपीडी में उपचार हासिल किया। शेष अन्य मरीज ओपीडी बंद होने के बाद इमरजेंसी में पहुंचकर उपचार कराया। पर्चा काउंटर में लंबी लाइन लगी रही। एक घंटे का समय पर्चा बनवाने और चिकित्सकों के चेंबर तक पहुंचने में लगा। एक-एक होमगार्ड पर्चा काउंटर और दवा वितरण काउंटर पर तैनात किए गए थे, बावजूद इसके दवा वितरण काउंटर पर मरीजों के बीच धक्का मुक्की का दौर चला। जिला अस्पताल में सुबह आठ बजे से
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पर्चा काउंटर में लगी मरीजों व तीमारदारों की लंबी कतार। |
मरीजों की पर्चा काउंटर में लंबी लाइन लगी रही। किसी तरह से एक घंटे का समय बर्बाद करते हुए मरीजों ने पर्चा बनवाया और इसके बाद चिकित्सक कक्ष की ओर बढ़े तो वहां पहले से ही लंबी लाइन लगी हुई थी। दर्द से कराहते मरीज लंबी लाइन में लग गए और डॉक्टर के पास पहुंचने में एक घंटे से अधिक का समय लगा। किसी तरह से डॉक्टर से उपचार प्राप्त किया। सोमवार को जिला अस्पताल में मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक रही। फिजीशियन चिकित्सक के मुताबिक खांसी, जुकाम, बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक रही। 1460 से अधिक मरीजों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया और किसी तरह से उपचार प्राप्त किया। नगर कोतवाली क्षेत्र
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दवा वितरण काउंटर में मरीजों की लगी भीड़। |
के तिंदवारा गांव निवासी मरीज हरेश और उनके परिजन रघुवीर कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पताल में उपचार कराना बहुत ही मुश्किल हो रहा है। मरीजों की जबरदस्त भीड़ होने के बावजूद जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई अतिरिक्त इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। पर्चा काउंटर में लाइन लगाकर पर्चा बनवाने में ही एक घंटे से अधिक का समय बर्बाद हो रहा है। दवा वितरण कक्ष में काउंटर बढ़ाए जाने चाहिये, लकिन इस ओर कोई ध्यान
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ओपीडी में बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते मरीज। |
नहीं दिया जा रहा है। ओपीडी में तैनात फिजीशियन डॉ. हृदयेश पटेल, बाल्य रोग विशेषज्ञ चिकित्सक ने कहा कि मौसमी बीमारियों से पीड़ित ज्यादातर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। होली के त्योहार के दौरान नशा करने और अन्य कारणों के चलते भी बीमार होकर अस्पताल आए मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
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