तानाशाही के खिलाफ होगी आर-पार की लड़ाईः डॉ चौहान - Amja Bharat

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Monday, March 17, 2025

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तानाशाही के खिलाफ होगी आर-पार की लड़ाईः डॉ चौहान

निष्कासन की साजिश

छवि पर हमला या व्यक्तिगत खुन्नस?

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । चित्रकूट इंटर कॉलेज कर्वी के प्रधानाचार्य डॉ रणवीर सिंह चौहान ने अतर्रा पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज अतर्रा बांदा की प्रबंध समिति द्वारा किए गए निष्कासन को अवैध, असंवैधानिक व मनमानी करार दिया है। उन्होंने इस निर्णय को अपनी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का षड्यंत्र बताया और आरोप लगाया कि यह प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि राजनीतिक और व्यक्तिगत दुर्भावना से प्रेरित साजिश है। डॉ. चौहान ने बताया कि वह लंबे समय से अतर्रा महाविद्यालय की प्रबंध समिति के साधारण सभा के सदस्य रहे हैं, लेकिन सहायक रजिस्ट्रार ने बिना कोई नोटिस व बिना उनका पक्ष सुने ही उन्हें सदस्यता से निष्कासित कर दिया। बताते चलें कि सहायक रजिस्ट्रार ने चार लोगो को निष्कासित किया है जिनमे से एक डॉ. चौहान भी हैं। वहीं डॉ. चौहान ने बताया कि यह सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ फैसला नहीं, बल्कि शिक्षा जगत के लिए एक खतरनाक उदाहरण है, जिसे चुनौती देना आवश्यक है। आगे आरोप लगाया कि इस निष्कासन के पीछे राजनीतिक दुर्भावना काम कर रही है। बताया कि

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प्रधानाचार्य डॉ रणवीर सिंह चौहान

वह भारतीय जनता पार्टी के एक कर्मठ कार्यकर्ता हैं, जिससे कुछ लोगों को परेशानी थी। इसी कारण, उनकी छवि को खराब करने व सामाजिक मान-सम्मान को धूमिल करने को यह कार्रवाई की गई। कहा कि यह सिर्फ प्रबंध समिति का फैसला नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत उनकी प्रतिष्ठा पर हमला किया गया है। सवाल उठाया कि जब अशासकीय महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य चुनाव लड़ सकते हैं व राजनीति कर सकते हैं, तो फिर प्रबंध समिति के सदस्य पद पर क्यों नहीं रह सकते? उदाहरण देते हुए कहा कि वह स्व दीनानाथ पांडे डिग्री कॉलेज के प्रधानाचार्य रहते हुए भी कई कॉलेजों के प्रबंधक रहे थे। ऐसे में यह दोहरा मापदंड क्यों अपनाया गया? डॉ चौहान ने इस अन्याय के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने की घोषणा की है। कहा कि वह न्यायालय में इस निर्णय को चुनौती देकर प्रबंध समिति के साजिशकर्ताओं को बेनकाब करेंगे व न्याय की मांग करेंगे। वहीं रजिस्ट्रार के निष्कासन नोटिस में बताया गया कि सोसाइटी एक्ट के तहत सरकारी सेवा में कार्यरत लोग कमेटी के सदस्य नही हो सकते।




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