बिजली और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दुरुस्त करें व्यवस्थाएं
गांवों में चौपाल का आयोजन कर ग्रामीणों को किया जाए जागरूक
बांदा, के एस दुबे । कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को स्टेरिंग कमेटी की बैठक में जिलाधिकारी जे. रीभा ने संभावित बाढ़ के मद्देनजर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कहा कि संभावित बाढ़ प्रभावित होने वाले क्षेत्रों का दौरा करें और वहां पर पहुंचकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें, ताकि बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या से आसानी के साथ निपटा जा सके। इसके साथ ही गांवों में चौपाल का आयोजन करते हुए ग्रामीणों को विभिन्न जानकारियों से अवगत कराएं। बाढ़ और आपदा के दौरान कैसे बचाव करना है, इस बारे में जागरूक करें। उन्होंने अत्यधिक वर्षा से माह अगस्त एवं सितम्बर माह में सम्भावित बाढ के दृष्टिगत सेन्ट्रल वाटर कमीशन से नदी में जल प्रवाह होने की प्रतिदिन सूचना ली जाए। उसके अनुसार आवश्यक व्यवस्थायें की जायें। उन्होंने बाढ़ समिति का गठन किये जाने तथा रीवर फ्लड बैंक को मजबूत बनाये जाने के निर्देश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने समस्त अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका, नगर पंचायत एवं खण्ड विकास अधिकारियों को 15 जून तक सभी नाले, नालियों की सफाई व कूडे के ढेरों की सफाई सुनिश्चित करायें।
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बैठक को संबोधित करतीं डीएम जे. रीभा। |
बैठक में जिलाधिकारी ने बिजली विभाग के अधिकारियों को जर्जर विद्युत तारों को ठीक किये जाने के निर्देश दिये। समस्त उप जिलाधिकारियों एवं खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने-अपने क्षेत्र के सम्भावित बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर बाढ़ से बचाव के लिए आवश्यक तैयारियां समय से कर लें। उन्होंने अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका व नगर पंचायत तथा जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देश दिये कि सभी नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में सम्भावित बाढ़ व जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए समस्त आवश्यक तैयारी बाढ़ राहत कैम्प, मोबाइल ट्वायलेट, पम्पिग सेट की व्यवस्था, मोटर वोट, नाविक व गोताखोरों की सूची तैयार करने आदि की व्यवस्थायें कर ली जाए। उन्होंने संचारी रोग से बचाव के लिए सभी नाले नालियों की सफाई कराये जाने तथा एन्टीलार्वा का छिड़काव कराया जाए। डीएम ने बाढ प्रभावित क्षेत्रों में उप जिलाधिकारियों सहित सम्बन्धित अधिकारियों के द्वारा राहत चैपाल का आयोजन कराये जाने के निर्देश दिये, जिसमें जन जागरूकता के द्वारा बाढ़ व आपदा की स्थिति में उसके प्रभाव को लोगों को जागरूक कर कम किया जा सके। बैठक में उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी को खाद्यान की व्यवस्था एवं डीजल, पेट्रोल आदि की उपलब्धता रखने तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पर्याप्त आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं बाढ़ चैकियों में मेडिकल टीमों को लगाये जाने के निर्देश दिये। विद्युत विभाग के अधिकारियों को सोलर लालटेन व जनसेट की व्यवस्था रखने व विद्युत की समुचित उपलब्धता कराये जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर नहरों की सिल्ट सफाई व नहर पटरी मरम्मत का कार्य कराये जाने व नहर के बंधों को चेक कराये जाने एवं कन्ट्रोल रूम की स्थापना कराये जाने केे निर्देश सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता को दिये। बाढ़ चैकियों को चेक करके सूची बनाये जाने तथा कर्मियों की तैनाती किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने वर्षा के समय में आकासीय विद्युत के प्रभाव से बचने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किये जाने और बाढ की स्थिति में नाविकों व नावों तथा गोताखोरों की सूची मोबाइल नम्बर सहित तैयार रखने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पशुओं का टीकाकरण एवं पर्याप्त भूसा व चारे की व्यवस्था एवं जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता रखनेे के निर्देश दिये। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ के समय हैण्डपम्पों एवं टंकियों में क्लोरीन की दवा की व्यवस्था रखने तथा मच्छरों, कीटनाशकों से बचाव के लिए एन्टीलारवा व आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था रखने के निर्देश दिये। बैठक में अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी वेदप्रकाश मौर्य समत सभी एसडीएम, खंड विकास अधिकारी व संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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