कानपुर, प्रदीप शर्मा - सी. एस. जे एम यूनिवर्सिटी कानपुर एवं राजकीय बाल गृह कल्याणपुर कानपुर में आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक द्वारा 2 दिवसीय निशुल्क "पुष्य नक्षत्र"स्वर्ण प्राशन संस्कार कैम्प का आयोजन आरोग्य क्लिनिक लालबंगला स्वास्थ्य केंद्र द्वारा किया गया। आज समापन हुये इस कार्यक्रम का आयोजन वर्ल्ड हेल्थ डे के दिन हुआ था जिसमें आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर वंदना पाठक ने 90 बच्चों का निशुल्क स्वर्ण प्राशन किया गया.इसमें सभी बच्चो को बसंत ऋतू एवं अचानक बढ़ती हुई गर्मी के बारे मे जानकारी दी गई।इस अवसर पर डा. वंदना पाठक ने उपस्थित अभिभावकों और लोगों को ऋतु के अनुसार आहार-विहार और रोगों से बचाव पर विशेष रूप से परामर्श दिया। उन्होंने कहा बसंत ऋतु को ऋतुराज की संज्ञा दी गयी है इस समय प्रकृति में स्वाभाविक रूप से हर्षोल्लास पाया जाता है। इस समय में मौसम के अनुसार क्षेत्रीय फल और सब्जियों का प्रमुख रूप से सेवन करना चाहिए। उन्होंने
स्वर्णप्राशन संस्कार के बारे में बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। संस्कार की महत्ता बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित 16 संस्कारों में से एक संस्कार है। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में विशेष योगदान करता है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों यह संस्कार नियमित रूप होता है, उनमें मौसम और वातावरणीय प्रभाव के कारण होने वाली समस्याएं अन्य बच्चों की अपेक्षा कम देखी गयी हैं। स्वर्णप्राशन में प्रयुक्त होने वाली औषधि स्वर्ण भस्म, वच, गिलोय, ब्राह्मी, गौघृत, मधु आदि द्रव्यों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है। उन्होंने कहा बच्चों को नियंत्रित करने के लिए डांटना, पीटना आदि भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। अतः बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को मौसम के अनुसार फल और सब्जियों के सेवन के साथ-साथ स्वच्छता स्नेहपूर्ण लालन पालन पर विशेष बल दिया।
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