कानपुर, प्रदीप शर्मा - छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में बीए ऑनर्स फिलॉसफी के कोर्स को शुरू किया गया है, जहां फिलॉसफी में बच्चों का भविष्य बनाने की तैयारी है। फिलासफी विषय के साथ छात्रों को शिक्षण में करियर,स्कूल, कॉलेज, प्रबंधन संस्थान, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज व आईआईटी में अध्यापन के ढेरों अवसर मौजूद हैं। इसके साथ ही पब्लिक सेक्टर में संभावित करियर में सिविल सेवाएं, सरकार, स्वास्थ्य सेवाएं, पुलिस बल और सशस्त्र बल में भूमिकाएं शामिल हैं। फिलॉसफी में पीएचडी के बाद यूनेस्को जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ भी काम किया जा सकता है।आवेदकों के विचारों एवं व्यवहार की गहराई को समझने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियां फिलॉसफी विशेषज्ञों की सेवाएं लेती हैं। लाइफ स्किल ट्रेनर के तौर पर फिलॉसफी के छात्रों की अत्यधिक मांग है। फिलॉसफी के अध्ययन से प्राप्त गहरे दृष्टिकोण के साथ इसके छात्र रिलेशनशिप काउंसलर, स्प्रिचुअल काउंसलर
या लाइफ मैनेजमेंट काउंसलर के रूप में करियर बना सकते हैं।सभी प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कम्पनियां अपने बोर्ड में फिलॉसफी की गहरी समझ रखने वाले व्यक्तियों को विशिष्ट सलाहकार या बिजनेस एथिक्स एडवाइजर के रूप में जगह देती हैं। टीचिंग प्रोफेशन के लिए उपयुक्त समझी जाने वाली फिलॉसफी अब सभी पुरानी अवधारणाओं को दर्शनशास्त्र का अध्ययन न केवल विचारधारा और नैतिकता के गहरे पहलुओं को समझने का अवसर प्रदान करता है बल्कि रिसर्च से लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर, लॉ, बायो मेडिसिन, ग्रीन डेवलपमेंट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में फिलॉसफी के छात्र बाज़ी मार रहे हैं। फिलॉसफी की वापसी ज्ञान के साथ करियर को दिशा देने वाले विषय के रूप में हुई है। फिलॉसफी लॉजिक, एथिक्स, सौंदर्यशास्त्र, तत्व और ज्ञान मीमांसा का मिला-जुला रूप है। वर्तमान में यह विषय अपनी पारंपरिक शाखाओं से कहीं आगे बढ़कर क्वांटम फिजिक्स फिलॉसफी, एनालिटिकल फिलॉसफी, कलाशास्त्र दर्शन, बायोमेडिकल एथिक्स, बिजनेस एथिक्स, इनवायार्नमेंटल एथिक्स जैसी नई शाखाओं में विकसित हो रहा है।


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