बाल अधिकार की आह
बाल मजदूरी व जंगली जानवरों का डर
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । खसही गाँव के छोटे बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा अब प्रशासन की योजना के नाम पर संकट में है। प्रार्थी अमर सिंह चौहान, बरमदीन निषाद और राम सिया ने उपजिलाधिकारी राजापुर को लिखे पत्र में अवगत कराया कि प्रावि खसही को 8 किलोमीटर दूर स्थित प्रावि से मर्ज किया जा रहा है। प्रार्थियों का कहना है कि दोनों स्कूल के बीच का रास्ता जंगल और बबूल के पेड़ों से घिरा है, जहाँ लोमड़ी, सुअर और काले बंदरों का आतंक रहता है। छोटे बच्चों के सुरक्षित आने-जाने की संभावना लगभग न के बराबर है। इस कारण अभिभावक मानसिक
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| स्कूल मर्जर के विरोध में एसडीएम राजापुर को ज्ञापन देते पीडित |
तनाव और चिंता में हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि खसही के विद्यालय को किसी अन्य स्कूल के साथ मर्ज न किया जाए, क्योंकि यहाँ नामांकन केवल 43 बच्चों का है, और मर्जिंग से लड़कियों और छोटे बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित होना पड़ेगा। प्रार्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि बच्चों और अभिभावकों की सुरक्षा और हित को ध्यान में न रखा गया, तो ग्रामीण सामूहिक प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। मामला शिक्षा, सुरक्षा और बाल अधिकारों का है, और प्रशासन पर अब गंभीर निर्णय लेने का दबाव बढ़ गया है।
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