डीएम के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी ने देखीं अस्पताल की व्यवस्थाएं
ट्रामा सेंटर, पर्चा काउंटर, औषधि वितरण केंद्र, महिला वार्ड भी देखा
व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने की प्रभारी सीएमएस को दी गई हिदायत
मरीजों को गर्मी से बचाने के लिए किए जाएं बेहतर इंतजाम
बांदा, के एस दुबे । जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार और एडीएम अमिताभ कुमार ने बुधवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। अधिकारियों के पहुंचते ही अस्पताल प्रशासन की धड़कनें तेज हो गईं। जिला अस्पताल के विभिन्न वार्डों को देखने के बाद एडीएम ने मरीजों को दिए जाने वाले भोजन का न सिर्फ निरीक्षण किया बल्कि चखकर भी देखा। हिदायत दी कि मरीजों को किसी भी दशा में बाहर की दवाएं न लिखी जाएं। इसके साथ ही मरीजों को गर्मी से बचाने के लिए सभी इंतजामात दुरुस्त रखें। इन दिनों जिला अस्पताल में जबरदस्त गर्मी की वजह से डायरिया और बुखार पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं। इसके चलते गद्दीदार बेंचों में लिटाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है। बुधवार को अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार और एडीएम सहायक अमिताभ कुमार ने सुबह के समय जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। गर्मी के इस मौसम में अस्पताल में उमड़ने वाली मरीजों की भीड़ का जायजा लिया। एडीएम निरीक्षण टीम ने सबसे पहले ट्रामा सेंटर, पर्चा काउंटर, औषधि वितरण केंद्र, महिला वार्ड, टायलेट, बर्न वार्ड ऐसी कूलर आदि चेक की। इसके बाद पैथोलाजी दवा स्टोर रूम आदि चेक किया। डीएम के द्वारा भेजी गई टीम ने मरीजों से बातचीत भी की। अस्पताल में साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त मिली। एडीएम ने सख्त अस्पताल के सीएमएस और चिकित्सकों को सख्त हिदायत दी कि मरीजों को बाहर की दवाएं किसी भी दशा में नहीं लिखी जानी चाहिए। अस्पताल से ही दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जाएं। अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने पुरुष अस्पताल में मरीजों को दिए जाने वाले भोजन व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। एडीएम ने भोजन को चखकर भी देखा। एडीएम ने कहा कि मरीजों को पौष्टिक भोजन के साथ ही दाल, हरी सब्जी आदि दिया जाए।
जिला पुरुष अस्पताल में भोजन व्यवस्था का निरीक्षण करते एडीएम राजेश कुमार
पेयजल व्यवस्था पर भी दौड़ाई नजर
बांदा। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने मरीजों और तीमारदारों को मिलने वाले पेयजल व्यवस्था का भी जायजा लिया। बर्न वार्ड के बाहर बने वाटर प्लांट को देखा। इसके साथ ही पेयजल टंकियों पर भी नजर दौड़ाई और साफ-सफाई बनाए रखने के निर्देश दिए। गौरतलब हो कि महिला अस्पताल के सामने बना वाटर प्लांट तकरीबन तीन वर्षों से बंद पड़ा हुआ है, उसका कोई पुरसा हाल नहीं है। महिला अस्पताल की सीएमएस का
कागजी अभिलेख चेक करते एडीएम |
कहना है कि यह वाटर प्लांट किसके जिम्मे है, उन्हें जानकारी नहीं है। इसके चलते महिला अस्पताल के मरीजों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। महिला अस्पताल में 80-80 लीटर के दो वाटर कूलर लगे हुए हैं, इन वाटर कूलरों से मिलने वाला पानी मरीजों और तीमारदारों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। बावजूद इसके पेयजल की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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