कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग ने भारत के पूर्व प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की 60 वीं पुण्यतिथि मनाई। वक्ताओं ने कहा कि उनके नेतृत्व में देश के नवनिर्माण, लोकतन्त्र के बुनियादी सिद्धांत पर देश और समाज को व्यवस्थित करने में जो योगदान दिया उसको याद कर गम का इजहार किया और समाज में उनके विचारों को बढाने का काम करने के लिए लोगों को एकजुट होने का संदेश दिया। जिला कॉंग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन अब्दुल हफीज के नेतृत्व में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। जिसमें नेहरू जी के तैलचित्र पर तमाम कांग्रेस के पदाधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष मिस्बाहुल हक ने श्रद्धापूर्वक खिराज-ए-अकीदत पेश करते हुए कहा कि नेहरू जी 1912 में जब बांकीपुर अधिवेशन में राजनीतिक विचारक और सामाजिक न्याय के बतौर जब कांग्रेस में शामिल हुए तो
पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर पुष्प अर्पित करते कांग्रेसी। |
उनका मकसद ही लोगों को एकजुट करना और राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगाने की क्षमता से लोकतंत्र की नींव रखने की रही है। अगर आज के राजनीतिक स्तर पर सामाजिक जीवन का सार देखा जाए तो कौन नहीं कहेगा कि लोकतंत्र संगठित धर्म का आधार बन रहा है। अब्दुल हफीज ने कहा कि नेहर जी संगठित धर्म पर आधारित भारतीय समाज को व्यवस्थित करने के विरोधी रहे क्योंकि वह जानते थे कि भारत एक बहुजातीय, बहुभाषी, बहु संस्काकारिक, बहु धर्मी वाला एक देश है। जिसने अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बहुत सामाजिक दंश झेला है। जिला उपाध्यक्ष अजीज ने कहा कि देश में आत्म निर्भरता के जो निर्माण कार्य हुआ उससे देश विकासशील देशो की श्रेणी मे खड़ा हुआ। गोष्ठी को जिला मीडिया प्रभारी रफत रिजवी रमजान अली आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मो. तैयब नूरी, नफीस खान, मो. अंबार, सोनू, राम शंकर, शोएब, तुफैल, मो. माशूक, छोटू, मो. कैफ, शायर इसरार भी मौजूद रहे।
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