ऋण-जमानुपात के परिणाम पर भी भड़की डीएम
फतेहपुर, मो. शमशाद । जिला सलाहकार समिति (डीसीसी) एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) की बैठक से गायब रहने वाले चार बैंकों के जिला सलाहकार समन्वयको को मंगलवार कारण बताओ नोटिस जारी कर दी गई। ऋण-जमानुपात को प्रदेश स्तर के अनुरूप लाने को विशेष रूप से 58ः से कम ऋण-जमानुपात वाले सभी बैंकों में शामिल भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया एवं आईडीबीआई बैंक को पत्र भी जारी किए गए। कलेक्ट्रेट स्थित गांधी सभागार में जिलाधिकारी सी. इंदुमती की अध्यक्षता में इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया। वार्षिक ऋण योजना 2023-24 के अनुपालन में जिलाधिकारी ने भारतीय स्टेट बैंक, इडियन बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ महाराष्ट्रा, पंजाब एंड सिंध बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक एवं आईडीबीआई बैंक को कृषि आधारित ऋण के वितरण पर विशेष ध्यान देकर आवंटित लक्ष्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में जो बैंक
बैठक लेती जिलाधिकारी सी इंदुमति। |
लक्ष्य से काफी पीछे हैं। उनको अपने लक्ष्य को यथाशीघ्र प्राप्त करने के निर्देश दिए। वार्षिक ऋण योजना 2024-25 के लक्ष्यों में विगत वर्षों के प्रदर्शन के आधार पर नाबार्ड एवं बैंकों के साथ समन्वय स्थापित करके आवश्यकतानुसार संशोधन करने के लिये निर्देशित किया। खादी ग्रामोद्योग विभाग की मुख्यमंत्री माटीकला योजना के बैंकों में लंबित आवेदनों का निस्तारण कर शीघ्र लक्ष्य प्राप्ति के निर्देश दिए। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक एवं बैंक ऑफ़ बड़ौदा के साथ ही अन्य सभी बैंकों को सरकार प्रायोजित योजनाओं के ससमय निस्तारण के लिए विशेष ध्यान देते हुए अपने समस्त लंबित आवेदनों को तत्काल स्वीकृत/वितरित करने के निर्देश दिए।जिला स्तरीय आरसेटी सलाहकार समिति के प्रस्तावों की समीक्षा कर संस्थान के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आजीविका से जोड़ते हुए मत्स्यपालन से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाते हुए प्रचार प्रसार पर विशेष बल देने को कहा। अग्रणी जिला प्रबंधक अशोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि जिले का ऋण-जमानुपात वर्तमान में 48.48 प्रतिशत है। जो कि प्रदेश के ऋण-जमानुपात 58.72 प्रतिशत से कम है। उपायुक्त उद्योग अन्जनीश प्रताप सिंह ने विभिन्न कल्याणपरक योजनाओं यथा पीएमईजीपी, एमवाईएसवाई, ओडीओपी के लक्ष्य प्राप्ति के बारे में जानकारी दी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अविनाश त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
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