बंद खाते की तीस लाख की दी चेकें, छह लाख में लिखवा ली जमीन
सीएम से लेकर आला अधिकारियों तक पीड़ित लगा चुका गुहार
फतेहपुर, मो. शमशाद । जीवन में शिक्षा बेहद जरूरी है, क्योंकि बिना शिक्षा के कहीं-कहीं व्यक्ति बड़ा धोखा भी खा जाता है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया। जिसमें एक निरक्षर व्यक्ति ने पढ़े-लिखे व्यक्ति ने धोखाधड़ी कर दस बिस्वा जमीन तय करके एक बीघा दो बिस्वा का बैनामा करा लिया। इतना ही नहीं उसने बंद खाते की तीस लाख की चेकें भी थमा दी और मात्र छह लाख रूपए में पूरी जमीन अपने नाम करवा ली। जब इसकी जानकारी बैनामा करने वाले पुत्र को हुई तो वह सीएम से लेकर आला अधिकारियों तक न्याय की आस में दौड़ लगा रहा है, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सदर तहसील के ग्राम सोनबरसा पोस्ट पमरौली निवासी जसवंत सिंह पुत्र राम सिंह ने सीएम समेत उच्चाधिकारियों को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि उसके पिता निरक्षर हैं।
पीड़ित जसवंत सिंह व उनके पिता राम सिंह। |
मात्र हस्ताक्षर करना जानते हैं। पिता की उम्र लगभग 65 वर्ष है जिनका मानसिक संतुलन भी कभी-कभी बिगड़ जाता है। पिता के नाम से ग्राम नरतौली में भूमि है। गांव का ही बैजनाथ यादव लोक निर्माण विभाग में कर्मचारी है। जो बेहद जालसाज किस्म का व्यक्ति है। पिता को खिलाया पिलाया और बहला-फुसलाकर भूमि खसरा संख्या 37 रकबा 1 बीघा 2 बिस्वा भूमि स्थित ग्राम नरतौली परगना गाजीपुर का अपनी पत्नी संगीता देवी के नाम बैनामा करा लिया। जबकि इस भूमि के दो प्लाट बीस बाई चालीस व तेंतालीस बाई तेंतालीस का बैनामा पिता पूर्व में ही कर चुके थे। इसके बावजूद बैजनाथ ने धोखाधड़ी करके पूरी जमीन पत्नी के नाम लिखवा ली। भूमि का सौदा उसने छत्तीस लाख रूपए में किया था। जिसमें बंद खाते की तीस लाख की चेकें दी और छह लाख रूपए नगद दिया। जब बैंक गए तो उन्हें जालसाजी की जानकारी हुई। मात्र छह लाख रूपए में उसने पूरी जमीन हड़प ली। पीड़ित ने बताया कि जब उससे चेक वाली रकम तीस लाख रूपए मांगे गए तो बैजनाथ का कहना रहा कि पहले पूरी जमीन पर कब्जा दिलाओ तब पैसे देगा। जसवंत ने बताया कि सीएम से लेकर आला अधिकारियों तक इस मामले की शिकायत दर्ज करा चुका है। पीड़ित ने बताया कि सदर तहसील के उप निबंधक से भी मामले को अवगत कराते हुए बैनामा कैंसिल करने की गुहार लगाई है। उसने कहा कि यदि उसे न्याय न मिला तो वह प्रदर्शन के लिए विवश हो जाएगा।
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