गैर प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न करें खुलेआम
जनपद में 17 जून को मनाया जाएगा ईदुल अजहा का पर्व
फतेहपुर, मो. शमशाद । काजी शहर फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि ईदुल अज़हा का त्योहार आपसी भाईचारे के सौहार्द को बढ़ावा देने का त्योहार है। लिहाजा कुर्बानी के अवसर पर अपने पड़ोसी व शहरी दीगर बिरादराने वतन यानी बहुसंख्यक भाइयों की श्रद्धा का पूरा ध्यान रखें। कुर्बानी के लिए प्रतिबंधित पशुओं की ओर ध्यान न लगाकर गैर प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी भी खुलेआम न करें। पर्दे व सफाई का ख्याल रखें। गोश्त के आदान-प्रदान में भी पर्दे का ध्यान रखें।
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काजी शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी। |
श्री कादरी ने यह भी सख्ती के साथ मना किया कि कुर्बानी करते समय जानवर की फोटो लेकर मोबाइल के जरिए उसे वाट्सअप या सोशल मीडिया पर शेयर न करें जिससे दूसरे बिरादरे वतन के जज्बात को ठेस पहुंचे और अपनी बस्ती व शहर का अम्न खराब हो। घरों पर की जाने वाली कुर्बानी का मलबा रोड़ पर घरों से बाहर न फेकें बल्कि दफना दें या नगर पालिका के इंतजाम का इंतजार करें। उन्होंने कहा कि अपने आस-पास व शहर देहात में आपसी भाईचारा बनाए रखें। जरूरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन का साथ दें। ईदुल अजहा के तीन दिनों में अल्लाह के नजदीक कुर्बानी से बेहतर कोई अमल नहीं है इसलिए हर आकिल, बालिग साहिबे निसाब पर कुर्बानी वाजिब है। उन्होने बताया कि ईदुल अज़हा का त्योहार 17 जून सोमवार को मनाया जाएगा।
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