ट्रेन व स्टेशन में भूले भटके बच्चों को 24 घंटे के अंदर समिति के समक्ष करें पेश
समिति समेत चाइल्ड हेल्पलाइन ने स्टेशन में खोजे भूले भटके बच्चे
फतेहपुर, मो. शमशाद । बाल कल्याण समिति एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के संयुक्त तत्वाधान में स्टेशन अधीक्षक, इंस्पेक्टर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, इंस्पेक्टर राजकीय रेलवे पुलिस के साथ सवारी गाड़ी व स्टेशन पर पाए जाने वाले भूले भटके, गुमशुदा बच्चों के पाए जाने पर उनकी देखरेख व सुरक्षा प्रक्रिया हेतु आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में रेलगाड़ी व स्टेशन पर भूले भटके, गुमशुदा व तस्करी करके ले जाने वाले बच्चों पर निगरानी तथा आरपीएफ, जीआरपी द्वारा प्राप्त बच्चों को बाल कल्याण समिति में 24 घंटे के अंदर पेश करना और उसके बाद बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण से लेकर उनको माता पिता को सुपुर्द करने की जिम्मेदारी बाल कल्याण समिति की हो जाती है। बाल कल्याण समिति उसे अपने विवेकानुसार माता-पिता को सुपुर्द कर देती है। उनके न आने पर बच्चों को बाल गृह भेज दिया जाता है। इसी प्रकार पश्चिम बंगाल बिहार और झारखंड से तस्करी किए हुए बच्चों को
स्टेशन परिसर में भूले भटके बच्चों की तलाश करती टीम। |
फतेहपुर में रख कर विभिन्न तरह के अपराध कराए जाने का मामला भी उठा। इसके निगरानी हेतु बाल कल्याण समिति ने आरपीएफ व जीआरपी को निगरानी की जिम्मेदारी दी। साथ ही आरपीएफ एवं जीआरपी थानों में बच्चो के हेल्प डेस्क के संचालन हेतु बाल कल्याण समिति ने निर्देशित किया। बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू, सदस्य रामकृष्ण पांडेय, सदस्य अपर्णा पांडेय, चाइल्ड हेल्प लाइन की समन्वयक नीरू पाठक, केश वर्कर सुनीता देवी, काउंसलर अंकित कुमार, रेलवे स्टेशन अधीक्षक मनिशंकर मिश्रा, इंस्पेक्टर आरपीएफ एके यादव, इंस्पेक्टर जीआरपी राज कुमार, सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रताप सिंह, सीएमआई महेंद्र गुप्ता उपस्थित रहे। गोष्ठी के उपरांत रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म का भ्रमण कर भूले भटके बच्चो की खोज की गई।
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