वीर आल्हा की झांकी रही आकर्षण का केंद्र
झांकियों का कस्बे के विभिन्न मार्गों में किया गया भ्रमण
नरैनी, के एस दुबे । कालिंजर में रक्षाबंधन के मौैके पर झांकियों का शानदार प्रस्तुतीकरण किया गया। इस दिन कजली विसर्जन भी हुआ। बेला तालाब में सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे। कजली मेला महोत्सव का आयोजन बड़े धूमधाम से मनाया गया ऐतिहासिक दुर्ग के राजा रहे कालिंजर मेंआल्हा ऊदल के पिता राजा अमन सिंह के प्रमुख सेनानायक थे जिससे चंदेलों की सामरिक राजधानी महोबा थी कालिंजर और महोबे का जुड़ाव चंदेल वंश का बहुत पुराना रिश्ता है जिस तरह से महोबा पर आल्हा ऊदल भावना चोर पृथ्वीराज एवं तरह-तरह की झांकियां एवं भव्य आयोजन किया जाता है इस तरह ऐतिहासिक नगर कालिंजर पर भी आल्हा ऊदल पृथ्वीराज बना कर मल्हना का
कालिंजर में भ्रमण के दौरान आल्हा की झांकी |
डोला ज्वाला सिंह भगवान नीलकंठ महादेव पार्वती जी की झांकी राधा कृष्ण, राम सीता, रानी दुर्गावती एवं अन्य झांकियां सैकड़ो सैनिकों के साथ घुड़सवारी पर राजाओं की सवारी डीजे की धुन पर आल्हा गायन होते हुए अत्ताहिया दाई मंदिर से पूरे नगर पर भ्रमण हुआ अंत में अथईया दाई मंदिर से कजली महिलाएं अपने सर पर लेकर बेला तालाब में पूरे झांकियां बदला तालाब पहुंचकर मंचन आल्हा ऊदल पृथ्वीराज मल्हना का डोला का मंचन हुआ झांकियां में भगवान नीलकंठ महादेव एवं रानी दुर्गावती और बौना चोर की झांकी आकर्षण का केंद्र रही पूरे नगर भ्रमण के दौरान पुलिस मौजूद रही।
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