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Sunday, September 15, 2024

घट रहा जलस्तर, 99 के पैमाने पर टिकीं केन और यमुना

तीन दिनों तक खतरे के निशान से ऊपर रहा दोनो नदियों का जल स्तर

केन और यमुना के तटवर्ती गांवों में घुसा पानी भी उतरने लगा

प्रशासनिक अधिकारी लगातार कर रहे निगेहबानी, लोगों को सतर्क रहने की हिदायत

बांदा, के एस दुबे । दूसरी बार केन और यमुना नदी के जल स्तर में हुई बढ़ोत्तरी एक बार फिर से प्रशासनिक अधिकारियों और केन के तटवर्ती गांवों में बसे लोगों की परेशानी का सबब बनकर रह गई। तीन दिनों तक खतरे की निशान से ऊपर बह रही केन और यमुना का जल स्तर हालांकि अब घटने लगा है। दोनो नदियों का जल स्तर 99 के पैमाने पर टिका हुआ है। केन नदी खतरे के निशान से पांच मीटर नीचे पहुंच गई है। लेकिन यमुना का पानी अभी हिलोरें मार रहा है और वह अपने खतरे के निशान के इर्द-गिर्द है। यमुना नदी के तटवर्ती गांवों में पानी घुस जाने से तमाम रपटों पर जहां आवागमन बंद हो गया है, वहीं बिजली आपूर्ति भी कई गांवों की बंद कर दी गई है ताकि किसी प्रकार का कोई हादसा न हो सके। इधर, डीएम और एसपी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं।

तुर्री नाला में बाढ़ के पानी से गुजरते बच्चे

मालुम हो कि बांदा शहर से बह रही केन नदी के खतरे का निशान 104 मीटर है। जबकि अथाह जलराशि समेटे यमुना नदी का खतरे का निशान 100 मीटर है। केन नदी वर्तमान समय में खतरे के निशान से पांच मीटर नीचे यानी 99 मीटर पर बह रही है। जबकि यमुना नदी अभी खतरे के निशान पर बह रही है। इसका जल स्तर 99.56 मीटर पर है। केन के तटवर्ती गांवों में घुसा पानी तो धीरे-धीरे वापस लौट आया है, लेकिन गंदगी छोड़ गया है। जबकि यमुना नदी अब भी खतरे के निशान पर ही है, ऐसे में यमुना के तटवर्ती गांवों में अब भी पानी घुसा हुआ है। इसकी वजह से तमाम रपटों पर आवागमन बंद हो गया है। लोग किसी तरह से नाव के जरिए आवागमन कर रहे हैं। या
बाढ़ के पानी से लबालब खेत में बोई गई फसल

फिर दूसरे रास्तों से लंबा सफर तय कर आवागमन करना उनकी मजबूरी बहन गई। गांवों में घुसे यमुना के पानी से जहां खेत जलमग्न हो गए हैं, वहीं ग्रामीणों का भारी नुकसान हुआ है। मालुम हो कि एक पखवारे पहले भी केन और यमुना नदी का जल स्तर बढ़ा था। दोनो ही नदियों ने अपने खतरे का निशान पार कर दिया था, इससे लोगों को परेशानी हुई थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी तमाम बाढ़ चौकियों को एलर्ट कर दिया था। साथ ही केन नदी के तटवर्ती गांवों में बसने वाले लोगों ने भी गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर अपना डेरा जमा लिया था। लेकिन एक बार फिर से तीन दिन तक केन नदी और यमुना नदी का जल स्तर मंडला कैचमेंट एरिया में जबरदस्त बारिश होने और बांधों का पानी छोड़े जाने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। केन और यमुना नदी दोनो का जल स्तर बढ़ गया। ऐसे
बाढ़ प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों से बातचीत करते तहसीलदार विकास पांडेय

में जहां जिला प्रशासन के अधिकारियों को मुश्किलें हुईं, वहीं केन और यमुना के तटवर्ती गांवों में बसने वाले लोगों को भी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। डीएम नगेंद्र प्रताप और एसपी अंकुर अग्रवाल ने पैलानी क्षेत्र समेत कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। कुछ रपटों के ऊपर से पानी बह रहा है, ऐसे में वहां पुलिस न होने पर डीएम ने पुलिस कर्मियों को तैनात करने के निर्देश दिए थे। हालांकि केन नदी का जल स्तर तो सामान्य होने की ओर है लेकिन यमुना नदी का जल स्तर अब भी खतरे के निशान पर है। डीएम ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।


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