मूलभूत समस्याओं के समाधान की भी मांग, विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
बांदा, के एस दुबे । पैलानी तहसील के अधिवक्ताओं के भौतिक अधिकारों एवं विधि व्यवसाय के संदर्भ में स्वतंत्रता के अधिकारों के लगातार हनन किया जाने को लेकर चौतरफा आघात होने से पूरे देश प्रदेश का अधिवक्ता बेहद परेशान है। बार संघ के सभी सदस्य उससे अछूते नहीं हैं। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा अधिवक्ताओं के अधिकारों व परंपराओं को संकीर्ण करने से उपजे संकट से देश के अधिवक्ताओं में खौफ अधिरोपित करने के आदेश से अधिवक्ताओं को उसके अधिकार से वंचित किया जाना मौलिक अधिकारों का हनन है। इन स्थितियों मे बार संघों का अस्तित्व समाप्त करने का प्रयास किए जाने से तथा अधिवक्ताओं को मूक बनाने का उपक्रम किया
उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते अधिवक्ता |
जाना असहनीय है। इसको लेकर अधिवक्तओं में रोष है। अधिवक्ताओं ने उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। 22 सितंबर को प्रयागराज उत्तर प्रदेश की बैठक में अधिकांश बार संघ के प्रतिनिधियों के द्वारा संबंधित मीटिंग में यह तय किया गया है कि अधिवक्ता अपने हितों की अनदेखी नहीं कर सकता, चाहे उसे जिस सीमा तक लड़ाई लड़नी पड़े। इसके चलते गुरुवार को अधिवक्ता काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर बार एसोसिएशन पैलानी के अध्यक्ष रामकिशोर पाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रवण कुमार गुप्ता, महासचिव हनुमान दास तिवारी, कोषाध्यक्ष रामनरेश त्रिपाठी, विष्णु दत्त द्विवेदी, अवनीश कुमार त्रिवेदी, उमाशंकर यादव, जमील खान, रमेश चंद निषाद, राम प्रकाश एडवोकेट सहित सभी अधिवक्ता गण मौके पर मौजूद रहे।
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