अधिकांश घरों में ताले लटके
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले के आदिवासी बहुल्य गांव खिचरी में रोजगार की कमी ने विकराल रूप ले लिया है। गांव के अधिकांश घरों में ताले लटकते हुए देखे जा सकते हैं, क्योंकि यहां के लोग रोजी-रोटी की तलाश में मजबूरी में अन्य प्रदेशों की ओर पलायन कर चुके हैं। शुक्रवार को बताया गया कि पाठा क्षेत्र के खिचरी गांव में रोजगार के संसाधनों की भारी कमी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां न तो कोई बड़ी फैक्ट्री है और न ही कोई उद्योग। मजदूरी से भी घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है, जिससे गांव के अधिकांश लोग अपने परिवार की भरण-पोषण
घरों में लटके ताले का दृश्य। |
के लिए अन्य राज्यों में काम की तलाश में चले गए हैं। पलायन के इस संकट का असर बच्चों की शिक्षा व भविष्य पर पड़ रहा है। गांव के ग्रामीण ने बताया कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें बार-बार नए स्थानों पर जाना पड़ता है। इससे उनकी पढ़ाई अधूरी रह जाती है और वे भी अशिक्षित रह जाते हैं। स्थानीय निवासियों ने यूपी सरकार से इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की अपील की है। यहां रोजगार के अवसर बढ़ाये जायें व स्थानीय मजदूरों को उनके ही गांव में काम मिले, तो पलायन की समस्या को कम किया जा सकता है।
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