जागरूकता शिविर में महिलाओं को दी गई अधिकारों की जानकारी - Amja Bharat

Amja Bharat

All Media and Journalist Association

Breaking

Tuesday, October 29, 2024

जागरूकता शिविर में महिलाओं को दी गई अधिकारों की जानकारी

मिशन शक्ति विशेष अभियान के तहत आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

बांदा, के एस दुबे । जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डा. बब्बू सारंग के निर्देश पर मंगलवार को मिशन शक्ति विशेष अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन तहसील सदर में किया गया। इस दौरान गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, महिलाओं को गिरफ्तारी के पूर्व, गिरफ्तारी के समय व गिरफ्तारी के बाद महिलाओं को प्राप्त अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। अध्यक्षता अपर जिला जज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीपाल सिंह ने की। अपर जिला जज ने कहा कि किसी भी महिला या बालिका का गर्भपात कराना कानूनन अपराध है। चिकित्सीय गर्भ

शिविर के दौरान मौजूद महिलाएं

समापन अधिनियम-1971 और संशोधित अधिनियम-2002 के प्रावधानों के अनुसार इस कानून का उल्लंघन करने पर 02 से 07 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। विशेष परिस्थितियों में सरकार ने गर्भ समापन को आर्थिक, सामाजिक एवं मानवीय दृष्टिकोण से वर्ष 1971 में चिकित्सीय गर्भ समापन कानून बनाया गया। वर्ष 2002 में कानून में आवश्यक संशोधन किये गये जिसके अन्तर्गत महिलाएं विशेष परिस्थितियों में सरकारी अस्पताल में या सरकार की ओर से अधिकृत किसी भी चिकित्सा केन्द्र में प्रशिक्षित चिकित्सकों से गर्भपात करा सकती हैं। जैसे यौन हमले या बलात्कार की स्थिति में, अवयस्क होने पर, शारीरिक रुप से अक्षम महिलाएं, मानसिक रुप से बीमार महिलाएं, भ्रूण की विकृति जिसमें बच्चे के असामान्य होने की स्थिति में और जटिल मानवीय स्थितियों आपदा या आपातकाल के दौरान की स्थिति में गर्भपात कराया जा सकता है। गर्भवस्था को समाप्त करने की गर्भकालीन समय सीमा 20 से 24 सप्ताह के अन्दर होना चाहिए। एसडीएम अंकित वर्मा ने कहा कि महिलाओं को समूह के माध्यम से ब्युटीर्पालर का व्यवसाय, शक्ति कैण्टीन, शक्ति रसोई व अन्य कुटीर उद्योग का कारोबार कर आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया जा
शिविर में मंचासीन अपर जिला जज व अन्य

सकता है, इसके बारे में जानकारी दी। पराविधिक स्वयंसेवक सुमन शुक्ला ने कहा कि आपराधिक प्रकिया संहिता 1973 की धारा 46 (4) के अनुसार जो महिलाओं की गिरफ्तारी को नियंत्रित करती हैं, में विशेष रुप से यह उल्लेख किया गया हैं कि असाधारण परिस्थितियों को छोडकर, सूर्यास्त के बाद एवं सूर्योदय से पहले किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता और न ही हथकड़ी डालकर ले जाया जा सकता है। प्रबंधक वन स्टाप सेंटर रमा साहू ने महिला हिंसा से बचाव के संबंध में जानकारी दी। प्रबन्धक जिला अग्रणी इण्डियन बैंक रविशंकर और दिनकर, एफएलसी इण्डियन बैंक द्वारा समूह की महिलाओं को बैंक ऋण द्वारा आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाये जाने के संबंध में जानकारी दी। शिविर के अन्त में एसडीएम अंकित ने आगंतुकों का आभार जताया। शिविर का संचालन सुमन शुक्ला पीएलवी ने किया। इस दौरान राशिद अहमद डीईओ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व समूह की महिलाएं व श्रोतागण उपस्थित रहे।


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages