कानपुर, संवाददाता - आज केशव मधुवन वाटिका केशव नगर में राम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास सन्त प्रतिमा प्रेम जी ने सती की कथा सुनते हुए बताया कि उन्होंने दक्ष प्रजापति द्वारा अपना अपमान तो सहन कर लिया किन्तु पति का अपमान न सह सकी और यह कहते हुए कि मैं हर जन्म में भगवान शिव से ही वरण करूंगी अपने को योग अग्नि में भस्म कर भक्तों का उद्धार किया। कथा व्यास ने आदि जगदम्बा के अगले जन्म में हिमाचल के घर जन्म लेने
लेकर कठिन तपस्या कर पुनः भगवान शिव से विवाह और शिव बरात का विस्तार से वर्णन किया। मां पार्वती के विदाई का वर्णन करते हुए सभी को भावुक कर दिया। राम कथा श्रवण हेतु श्री जयराम दुबे, श्याम बिहारी शर्मा, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, चन्द्र भूषण मिश्रा, राम प्रकाश पाण्डेय, कृष्ण मुरारी शुक्ला,राज कुमार शर्मा,राजेन्द्र गुप्ता,डॉक्टर सी बी गौड़,राधा कृष्ण त्रिपाठी, संजय श्रीवास्तव, राजेश्वरी दुबे, सीमा शुक्ला, जयंती बाजपेई, मोहिनी, बाजपेई, रेखा दीक्षित, जया, श्वेता, शगुन, सत्या आदि उपस्थित हुईं।
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