डॉ अंशुमान अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश उन्नाव द्वारा 35 वा कार्यशाला के अंतर्गत तैयार की गयी नाट्य कृति दरोगा जी का मंचन दोपहर 1 बजे से बेनहर इंटर कॉलेज सभागार सिविल लाइन उन्नाव में किया गया, दरोगा सिंह साहब उनके सहयोगी दीवान जी व सिपाही ड्यूटी पर होते हैं] घर से भागे बालिग बच्चों के पिता को थाने बुलाया जाता है] दरोगा दोनों को समझाता है] इस बार तो हम लोग बच्चों को खोजकर आप लोगों के हवाले कर रहे हैं] आगे क्या हो भगवान जाने] आप लोग एक ही बिरादरी के हो समझदारी से काम लो] दोनों की शादी करा दो काफी समझाने के बाद दोनों मान जाते हैं] सुन्दर की बहु अपने मायके चली गयी है सुन्दर से दरोगा कारण पूंछता है तो सुन्दर बताता है कि घर में शौचालय नहीं है] दरोगा शौचालय बनवाकर बहु को घर लाने की हिदायत देता है और ये भी बताता है कि घर में शौचालय बनवाने में सरकार भी मदद करती है] शम्भू की ज़मीन पर चीना ने कब्जा कर रखा है] वो थाने में शिकायत लेकर आता है] चीना को पकड़वाकर उसे खूब डाटा जाता है] वह सारे बुरे काम छोड़ने का वादा करता है] अशोक अपनी बेटी लेकर थाने आते हैं] शिकायत दर्ज कराने] दरोगा कारण पूंछता है तो अशोक बताते हैं] चार साल हो गये कोई
सन्तान नहीं हुयी इसी कारण मारपीट कर घर से निकाल दिया] दरोगा कार्यवाही करने का वादा करके प्रार्थना पत्र ले लेता है] और फिर होती है। कार्यवाही और लड़की के ससुराल पक्ष की पूर्ण जानकारी सिपाही और दीवान जुटाते हैं तो सारी गलती गुरुदयाल & सुशीला और रवि की निकलती है] और फिर अपनी गलती रवि मानता है दोनों परिवार इस शर्त पर फिर मिल जाते हैं कि किसी बेटी को हम गोद लेकर उसे खूब पढ़ायेंगे& खूब आगे बढ़ायेंगे] कागजी कार्यवाही होती है सभी खुश होकर थाने से जाते हैं] सिपाही दरोगा से कहता है] साहब आज फिर आपने एक घर टूटने से बचा लिया] नाटक समाप्त होता है,
नाटक में जब्बार अकरम] शफी अहमद खान] राघवेन्द्र सिंह] नफीस सिददीकी] मोo मोईन, दीपक अवस्थी, बलराम सिंह निर्बल, मो रफीक, दिव्यांशी अवस्थी, मोo आमिर, अनुराग यादव, विनीत जायसवाल, भारती मिश्रा, महेंद्र शानू, जया उपाध्याय रूप सजा अस्मिता उपाध्याय कॉस्टयूम प्रॉपर्टी सविता उपाध्याय, धीरज सिंह, अभिषेक वर्मा, मोहम्मद आजम अकरम, उमेश अग्निहोत्री, ध्वनि व प्रकाश अनुपम तिवारी, मोहम्मद शकील खान का था, कार्यक्रम में मास्टर नसीर अहमद साहब व रंगकर्मी मोहित बरुआ जी ने सभी कलाकारों को प्रमाण पत्र व अंग वस्त्र भेंट किया, मंच संचालन श्री जे.पी. वर्मा सर ने किया कॉलेज के बच्चों व अध्यापक अजय शंकर अवस्थी, गीता सक्सेना, मनोज शुक्ला, रूही सईद, रश्मि त्रिपाठी, मोनू शुक्ला, निखिल पांडे, शारिक खान व रविंद्र मोहन लंगोरा जी ने भी नाटक को देखा और सामाजिक नाटक दरोगा जी के सफल मंचन की खूब प्रशंसा की गई ।
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