रात दिन रखवाली करने के बाद भी किसानों का हो रहा नुकसान
मुख्य मार्गा में भी इनकी धमाचौकड़ी से आवागमन होता प्रभावित
फतेहपुर, मो. शमशाद खान । जिले में अन्ना मवेशियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पलक झपकते ही मवेशियों का झुंड खेतों की फसलों को चट कर दे रहे हैं। रात दिन किसान फसलों की रखवाली करने को मजबूर हैं। बावजूद इसके जरा सी चूक होने पर नुकसान होना निश्चित रहता है। खेतों में खड़ी फसलों का निशाना बना रहे अन्ना का आतंक बरकार है। वहीं बाजार में पलक झपकते ही सब्जियां चट कर रहे हैं। गली मोहल्ले, सड़क, चौराहों, बाजार, मंदिर व थाने भी अन्ना से महफूज नहीं हैं। वहीं जिम्मेदार महज टाल-मटोल आश्वासन देकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। शासन ने भले ही एक-एक अन्ना मवेशी को गौशाला में पहुंचाने के फरमान जारी कर रखे हों। मजाल है कि जिम्मेदार उस पर अमल को कदम आगे बढ़ा लें। हथगाम, किशनपुर, अमौली, क्षेत्र के अधिकतर गांवों समेत कस्बों में अन्ना मवेशियों का आतंक है। गांवों में सैकड़ो मवेशियों का झुंड किसानों की फसलों को चट कर रहा है। इसके अलावा मुख्य मार्गा में भी इनकी चहल कदमी होने से बाइक सवार, कार, ऑटो, टैक्सी के परेशानी का सबब है तो दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। पैदल राहगीरों, छात्रों, छोटे बच्चों, बूढ़े बुजुर्गों व महिलाओं पर हमला कर घायल कर रहे हैं। श्रृद्धालु हों या मंदिर के पुजारी सब अन्ना गोवंश से परेशान हैं।
विचरण करते अन्ना मवेशी।
जरा सी चूक और फसल चौपट
दिन-रात रखवाली के बावजूद किसान अन्ना मवेशियों से फसलें नहीं बचा पा रहे। जरा सी चूक पर मवेशियों का झुंड फसल खा जाते हैं। जबकि बड़े पैमाने पर पैरों से रौंद कर फसल चौपट कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि अन्ना की वजह वह शादी ब्याह में रिश्तेदारियों तक में नहीं जा पाते। इसके बाद भी मेहनत की कमाई बचा पाना मुश्किल है।
सड़क से मंदिर तक गोवंश का कब्जा
जिले की 55 से अधिक गोशालाओं में करीब 25 हजार गोवंश संरक्षित हैं। अन्ना से राहत को कई स्थानों में बृहद गौशालाएं बनाई गई हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत व न्याय पंचायत स्तर पर भी गोशालाएं बनाई जानी हैं। बावजूद इसके बाहर अन्ना मवेशियों से छुटकारा नहीं मिल रहा है।
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