फिर चर्चा में आए किसान शैलेन्द्र उत्तम
फतेहपुर, मो. शमशाद । गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले जहानाबाद थाना क्षेत्र के सरांय धर्मपुर गांव के रहने वाले किसान शैलेन्द्र उत्तम एक बार फिर चर्चा का विषय बन गए हैं। इस बार उन्होने भगवान श्रीराम की 11 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा चावल से तैयार की है। उनकी प्रतिमा देखने के लिए लोग लालायित हैं। उनके इस कार्य की चारों ओर जमकर सराहना हो रही है। बताते चलें कि सरांय धर्मपुर गांव निवासी किसान शैलेंद्र उत्तम भगवान श्री राम के मंदिर अयोध्या दर्शन के लिए गए थे। जहां उनके मन में विचार आया कि वह भी भगवान श्रीराम की मूर्ति बनाएंगे। वापस लौटने के बाद वह इस कार्य में जी-जान से जुट गए और तीन माह के अंदर 14 मन चावल अर्थात 560 किलो से 11 फीट ऊंची भगवान श्री राम की भव्य प्रतिमा बनाई। मूर्ति बनाने में तीन इंच मोटी चावल की लेयर बनाई गई है। भगवान राम की मूर्ति में सीमेंट और केमिकल भी लगा है। 4 फरवरी को मूर्ति तैयार हो गई थी। इसमें शिव शंकर और आशु उत्तम ने भी सहयोग किया है। उनकी इस प्रतिमा को देखने के लिए लोग प्रतिदिन उनके गांव पहुंच रहे हैं और भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा देखकर उनकी कारीगरी की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं। किसान शैलेन्द्र उत्तम ने बताया कि अनाज से इसलिए मूर्ति बनाते हैं क्योंकि भारत में अधिकतर किसान है। उन्होने कहा कि प्रशासन अनुमति दे तो मूर्ति का महाकुंभ में संगम के गंगाजल से अभिषेक कराए जाने का उनका मन है। उन्होने जिले के जनप्रतिनिधियों का आहवान किया कि इसके लिए सभी लोगों को पहल करनी चाहिए।
चावल से बनी भगवान श्रीराम की मूर्ति के साथ किसान शैलेन्द्र उत्तम।
ब्यास का सिक्का बनाकर चर्चा में आए थे
फतेहपुर। जहानाबाद क्षेत्र के सरांय धर्मपुर गांव के रहने वाले किसान शैलेन्द्र उत्तम इससे पहले वर्ष 2017 में 211 किलोग्राम गेहूं के दोनों से पांच फीड ब्यास का सिक्का बनाकर चर्चा में आए थे। इनका नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। 2018 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और 2019 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज है।
विभिन्न कार्यक्रमों में मिल चुका सम्मान
फतेहपुर। किसान शैलेन्द्र उत्तम ने बताया कि वह लखनऊ से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। अनाजों से मूर्ति बना करके विभिन्न कलाकृतियां बनाकर के अपना नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके हैं। वर्ष 2019 में अलसी व पीली सरसों के दानों से बुंदेलखंड के संत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी ब्रह्मानंद की 11 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई थी। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश दर्पण का भित्त चित्र बनाया था। उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया जा चुका है।
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