ई-रिक्शा जब्त होने से टूटा गरीब, फंदे पर झूल गई जिंदगी - Amja Bharat

Amja Bharat

All Media and Journalist Association

Breaking

Thursday, March 6, 2025

ई-रिक्शा जब्त होने से टूटा गरीब, फंदे पर झूल गई जिंदगी

भागता फिरा, पर सुनवाई नहीं हुई

डीएम ने गठित की जांच टीम

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । सरकारी तंत्र की बेरुखी व प्रशासन की सख्ती ने एक गरीब ई-रिक्शा चालक को जिंदगी खत्म करने पर मजबूर कर दिया। नगर पालिका क्षेत्र के शास्त्री नगर वार्ड नंबर 21 निवासी 45 वर्षीय फूलचंद जायसवाल ने प्रशासन की बेरहमी से तंग आकर खुदकुशी कर ली। उसकी मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। पीडित के परिजनो ने आरोप लगाया कि बुधवार शाम करीब 6 बजे, स्टेशन रोड से लौटते समय यात्रीकर अधिकारी ने फूलचंद का ई-रिक्शा जब्त कर लिया। जब उसने कागजात दिखाने के लिए थोड़ा समय मांगा और कहा कि उसने यह रिक्शा एक पत्रकार से खरीदा है तथा दस्तावेज घर पर रखे हैं, तो अधिकारी ने उसकी एक न सुनी और रिक्शा जब्त करवा दिया। फूलचंद बार-बार गिड़गिड़ाता रहा कि साहब! मैंने बड़ी मुश्किल से 40 हजार रुपये की बैटरी डलवाई थी, मेरा रिक्शा मत ले जाइए, वरना बर्बाद हो

 पोस्टमार्टम हाउस में रोते बिलखते परिजन

जाऊंगा। लेकिन अफसरशाही के आगे उसकी एक न चली। बेरहम प्रशासन ने गरीब की फरियाद अनसुनी कर दी। बताया कि फूलचंद रिक्शा छुड़ाने के लिए सभासद शंकर यादव के पास गया, लेकिन नतीजा शून्य। कुछेक पत्रकारों ने पैरवी की, लेकिन कोई फायदा नहीं। उसने कोतवाली में पुलिस के सामने चीख-चीखकर अपनी लाचारी बताई, फिर भी प्रशासन टस से मस नहीं हुआ। अपमान और निराशा ने उसे अंदर से तोड़ दिया। पूरी रात वह बेचौनी से करवटें बदलता रहा और आखरिकार मौत को गले लगा लिया। वहीं मृतक के भाई कन्हैयालाल जायसवाल ने आरोप लगाया कि पीटीओ व पुलिस ने ई-रिक्शा छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये मांगे थे। कर्ज में डूबे फूलचंद के पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी।



No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages