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Saturday, March 8, 2025

फतेहपुर से सुप्रीम कोर्ट तक अनिमेष शुक्ला की अनोखी उड़ान

बुद्धिमत्ता ही व्यक्ति को जीवन में बढ़ाती है आगे

फतेहपुर, मो. शमशाद । फतेहपुर के अनिमेष शुक्ला ने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया है। उन्होंने इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय से 2021-2024 में एलएलबी किया और सभी पूर्व रिकॉर्ड तोड़ते हुए इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय में अपने और अपने कॉलेज का नाम रोशन किया। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से 00001/2025 नामांकन संख्या प्राप्त कर, अनिमेष शुक्ला उत्तर प्रदेश के पहले अधिवक्ता बने। जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2024 के निर्णय के तहत लागू नई शुल्क संरचना के अंतर्गत नामांकन प्राप्त हुआ है। इस नई प्रणाली के तहत प्रदेश में लगभग 25 हज़ार नामांकन आवेदन लंबित थे हालांकि उनकी योग्यता और लगातार किए गए अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के विशेष ज़ोर पर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने अनिमेष शुक्ला को नामांकन प्रदान किया। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली उच्च न्यायालय में स्वतंत्र रूप से वकालत

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अनिमेष शुक्ला।

करने के अपने सपने को साकार करते हुए अनिमेष ने बिना किसी बैक ग्राउंड के यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने दिल्ली और पंजाब की कई प्रमुख विधि फर्मों के आकर्षक नौकरी प्रस्तावों को ठुकरा दिया और अपने दम पर वकालत में सफलता पाने का निर्णय लिया। कानूनी जगत में पैर जमाने के लिए बैक ग्राउंड को आवश्यक माना जाता है, लेकिन अनिमेष ने अपने दृढ़ निश्चय और मेहनत से शून्य से शुरुआत कर खुद को सफलता की ओर अग्रसर किया। अनिमेष शुक्ला न सिर्फ़ एक प्रतिभाशाली अधिवक्ता हैं, बल्कि एक कुशल वेब डेवलपर भी हैं। वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और नवीनतम तकनीकों में दक्षता रखते हैं और डिजिटल परिवर्तन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे वेबसाइड निरमाता.को.इन और आईआर 4.को.इन के डोमेन मालिक हैं। अनिमेष शुक्ला का मानना है कि शारीरिक बनावट से अधिक मानसिक क्षमता का विकास जरूरी है, क्योंकि बुद्धिमत्ता ही व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ाती है। इस विचार को उन्होंने खूबसूरत शब्दों में प्रस्तुत किया है मांसपेशियों के पीछे क्यों हो दीवाने, अकल से जग को कर लो माने। हड्डियाँ सही तो दम भी आएगा, शरीर कभी भी बन जाएगा। बताते चलें कि अनिमेष शुक्ला शहर के चित्रांश नगर के मूल निवासी है और उनके पिता सुरेश शुक्ला एक ख्यातिलब्ध सामाजिक व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति हैं। फतेहपुर के निवासियों के लिए अनिमेष की यह कहानी न केवल गर्व का विषय है, बल्कि यह दर्शाती है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।


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