चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । राष्ट्रीय रामायण मेला के पंचम दिवस पर लोहिया प्रेक्षागार में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मेला के पदाधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। जिसमें राष्ट्रीय रामायण मेला के संचालक डॉ रामलाल द्विवेदी प्राणेश की पुस्तक प्राणेश काव्यांजलि का विमोचन किया गया। देवकीनंदन महाराज ने आशीर्वचन देते हुए पुस्तक के महत्व को रेखांकित किया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ चंद्रिका प्रसाद दीक्षित श्ललित ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें सुंदर छंद, अलंकार, भावपूर्ण गीतों व विविध छंदों का संकलन किया गया है। प्राणेश काव्यांजलि में शिखरिणी, विष्णुपद, सरसी, सारललित, कुंडलिया, दोहा जैसे छंदों के माध्यम से देशहित, विश्वहित, भगवान शंकर, श्रीराम व श्रीकृष्ण की
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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि |
स्तुति में सुंदर कविताएं, आरती और प्रार्थनाएं लिखी गई हैं। साथ ही, प्राकृतिक संरक्षण, मंदाकिनी नदी बचाने और वृक्षारोपण की अपील भी की गई है। डॉ करुणा शंकर द्विवेदी ने डॉ प्राणेश को बेहतरीन उद्घोषक, मंच संचालक व मंत्रमुग्ध करने वाले वक्ता के रूप में सराहा। कार्यक्रम के बाद बृज की होली पर आधारित रासलीला का भव्य आयोजन हुआ, जिसे खचाखच भरे सभागार ने करतल ध्वनि के साथ सराहा। इस मौके पर राष्ट्रीय रामायण मेला के अध्यक्ष प्रशांत कविया, पूर्व सांसद भैरोप्रसाद मिश्रा, महामंत्री डॉ करुणा शंकर द्विवेदी, राजा बाबू पांडे, डॉ घनश्याम अवस्थी, शिवमंगल शास्त्री, डॉ मनोज द्विवेदी, राम प्रताप शुक्ल, देवकीनंदन महाराज समेत अन्य विद्वान मौजूद रहे।
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