बुंदेलखंड राष्ट्र समिति ने सांसद को सौंपा ज्ञापन, सांसद का घेराव किया गया निरस्त
बांदा, के एस दुबे । बुंदेलखंड राज्य की वर्षों पुरानी मांग को लेकर चल रहे जनांदोलन ने एक नई दिशा पकड़ ली। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के बढ़ते दबाव और क्षेत्रीय जनता की आवाज को देखते हुए सांसद कृष्णा पटेल ने आश्वासन दिया गया कि वे संसद के आगामी शीत सत्र में बुंदेलखंड राज्य के गठन की मांग को स्पष्ट और मजबूती से उठाएंगी। इसके चलते संगठन ने सांसद के घेराव निरस्त कर दिया। समिति के महासचिव डालचंद्र ने बताया कि सांसद की ओर से वार्ता करने सांसद प्रतिनिधि शिवशंकर सिंह पटेल पहुंचे। उन्होंने कहा कि सांसद स्वयं इस मांग की गंभीरता को समझते हैं और आने वाले संसद सत्र में बुंदेलखंड राज्य के मुद्दे को उठाने का निर्णय ले चुकी हैं। महासचिव ने कहा कि बुंदेलखंड की जनता वर्षों से विकास, रोजगार, सिंचाई संकट, जल संकट और पलायन की
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| सांसद को ज्ञापन सौंपते हुए समिति पदाधिकारी |
समस्याओं से जूझ रही है। ऐसे में अलग राज्य की मांग अब सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि जनमानस की साझा पीड़ा बन चुकी है। सांसद द्वारा मांग स्वीकार किए जाने को संघर्ष की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने कहा कि बुंदेलखंड में सौ प्रकार की समस्याएँ हैं और उन सभी का एक ही स्थायी समाधान है, अलग बुंदेलखंड राज्य। जब तक स्वतंत्र प्रशासनिक इकाई नहीं बनेगी, तब तक क्षेत्र का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि संगठन का आंदोलन अहिंसात्मक और जनकेंद्रित है, और इसका उद्देश्य सरकार व जनप्रतिनिधियों को जनता की वास्तविक स्थिति से अवगत कराना है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सांसद अपना वादा पूरा नहीं करतीं, तो आंदोलन और अधिक व्यापक रूप लेगा। संगठन ने इसे आंदोलन की बड़ी जीत बताते हुए कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि अब जनप्रतिनिधि भी बुंदेलखंड के जनभावनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते। आने वाले दिनों में समिति जिला जिला, गांव–गांव में जनजागरण अभियान तेज करेगी, जनप्रतिनिधियों से प्रश्न करेगी और जनता की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाएगी। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, और जब तक अलग बुंदेलखंड राज्य का गठन नहीं हो जाता, संघर्ष जारी रहेगा।


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