वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा या पीपल पूर्णिमा कहा जाता है। इस बार यह पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी। भगवान गौतम बुध की 2586 वी जयंती है , बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयन्ती तथा वैसाक के नाम से भी जाना जाता है। पूर्णिमा तिथि 22 मई को सांयकाल 06 :47 से प्रारम्भ होकर 23 मई को सांयकाल 07:22 तक रहेगी गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व हुआ था। । गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था। 29 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ विवाहोपरांत नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जन्म, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात्रि में राजपाठ का मोह त्यागकर वन
की ओर चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए। बोधगया के अतिरिक्त, कुशीनगर, लुम्बिनी तथा सारनाथ भी अन्य तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं। बुद्ध पूर्णिमा न सिर्फ भारत में अपितु श्रीलंका, कंबोडिया, वियतनाम, चीन, नेपाल थाईलैंड, मलयेशिया, म्यांमार, इंडोनेशिया जैसे देश हर्षाेल्लास के साथ मनाते है। गौतम बुद्ध की शिक्षाएं आत्मिक उन्नति से लेकर सामाजिक हितों तक के संदर्भ में हर युग में सार्थक हैं। गौतम बुध महान दार्शनिक ,धर्म गुरु और समाज सुधारक थे, बुद्ध शांति के विश्व देव भी है।
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