दो दिवसीय प्रवास के दौरान शक्ति पीठ व्यवस्थापक ने किया मार्ग दर्शन
बांदा, के एस दुबे । गायत्री शक्तिपीठ मे दो सौ कन्याये प्रशिक्षण कन्या कौशल के लिए एएचएफ की आयी। वहां दो दिवसीय प्रवास मे उन्हें नारी गौरव गरिमा, चित्रकूट तीर्थ महिमा, राष्ट्र निर्माण में मातृ शक्तियों की भूमिका विषय पर मार्गदर्शन गायत्री शक्तिपीठ के व्यबस्थापक डा. रामनारायण त्रिपाठी ने किया। डा. त्रिपाठी ने कहा युग ऋषि पंडित श्री राम शर्मा आचार्य ने इक्कीसवी सदी को नारी सदी कहा हैं महर्षि अरविन्द ने मदर सेंचुरी कहा हैं जो आज सही हो
प्रशिक्षण के दौरान संबोधित करते डा. रामनारायण |
चुका देश की राष्टपति दलित समाज से नारी जाति से हैं।नारी जागरण प्रकृति संरक्षण से ही नवयुग सतयुग आयेगा, नारी तीन कुलो को श्रेष्ठ बनाती हैं, मातृ पक्ष पितृ पक्ष तथा स्वयं अपना परिवार शकुंतला घर से बाहर बनवासी जीवन जीकर चक्रवर्ती सम्राट भरत को गढ़ा, सीता बन मे बिपरीत परिस्थितिओं मे लव कुश का कौशल बढ़ाया, पन्ना धाय
मौजूद कन्याएं |
अपने पुत्र का बलिदान कर राष्ट्र रक्षा की रत्नावली ने तुलसी को गढ़ा वीदयोत्तमा ने कालिदास जैसे मूर्ख को महाकवि बनाया। गायत्री परिवार मी धुरी नारी हैं जिसे विश्वव्यापी बनाया। गायत्री परिवार ने आओ गढ़े संस्कार वान पीढ़ी के प्रशिक्षण द्वारा माँ के गर्भ मे ही महानता का विज्ञानं समझा कर नवयुग निर्माण मे महान सन्तानो का ज्ञान विकसित कर प्रशिक्षण देने का अभियान चलाया
No comments:
Post a Comment