पहाड़ी/चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । पशु चिकित्सा अधिकारी पहाड़ी डा वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि गर्मी में पशुओं को हीट स्ट्रेस से बचाने को पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है। पशुओं को हीट स्ट्रोक से गर्मी में बचाने की जरूरत है। शनिवार को पशु डाॅ वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि गर्मी तेजी से बढ़ रही है। गर्मी बढ़ने पर शरीर में पानी की कमी हो सकती है। पानी शरीर का महत्वपूर्ण तत्व है। शरीर में 65 फीसदी पानी होता है। शरीर के खून में 80 फीसदी पानी होता है। शरीर में पानी की कमी होने से दुधारू पशुओं का दूध कम हो जाता है। गाभिन पशुओं का गर्भपात हो जाता है। पशुओं में स्ट्रेस स्तर बढ़ता है। इससे प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। पशु-पक्षियों को बुखार हो जाता है। समय पर पानी की पूर्ति न होने से पशु निढाल हो जाते हैं। पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है। गर्मी से बचाव की व्यवस्था पशु-पालकों को करना चाहिए। प्रत्येक पशु पालक व आम आदमी को ये जानकारी होनी
पशु डाॅ वीरेन्द्र सिंह। |
चाहिए। तमाम पशु निराश्रित हैं, उनके प्रति भी दया भाव रखने को पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए। लोग घरों के बाहर पानी की व्यवस्था कर सकते हैं। पक्षियों को छत पर पानी की व्यवस्था करें। पानी को समय-समय पर बदलते रहें। पानी को छायादार स्थान पर रखें। गर्म पानी पशु-पक्षियों को नुकसान पहुंचा सकता है। पशु-पक्षी बहुत हाफ रहे हैं तो कमजोरी व थकान महसूस कर रहे हैं। मुंह से लार टपक रही हो तो हृदय गति बढ़ गई हो और वह निढाल हो गया हो तो हीट स्ट्रेस के लक्षण हो सकते हैं। तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर इलाज करायें। भार ढोने वाले पशुओं को गर्मी में दोपहर 12 से तीन बजे तक आराम दें। 37 डिग्री से अधिक तापमान होने पर नियमों का पालन करें। अन्यथा पशुओं के प्रति क्रूरता अपराध माना जाएगा। पालतू पशुओं को नियमित रूप से नमक, संतुलित पशु आहार, मिनरल मिलाकर प्रतिदिन दें। दुधारू पशुओं में दूध की कमी नहीं आएगी। बताये उपायों को खुद करें व अन्य लोगों को जागरुक करें।
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