लगातार बढ़ रहे तापमान से बेपटरी हो रहा जनजीवन
फतेहपुर, मो. शमशाद । आसमान से बरसते आग के शोले जनजीवन पर भारी पड़ रहे हैं। मौसम के कहर से सड़के आग उगल रही हैं। इससे राह चलना मुहाल हो गया है। तापमान के लगातार बढ़ने से लोग डिप्रेशन का शिकार होकर जरा जरा सी बात पर आपा हो रहे हैं। कई दशक बाद गर्मी का ऐसा त्राहिमाम मचा है। हरेक तबके के लोग, इस बेरहम मौसम की जद में आते चले जा रहे हैं। हालात कितने खराब हो रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में अब डिप्रेशन के मरीज पहुंचने लगे हैं। गर्मी का असर सीधे शरीर के अंदरूनी हिस्से पर मार कर रहा है। जरा जरा सी बात पर लोग आपा खो रहे हैं। कोई अपनों से झगड़ रहा है तो कोई अपनी झल्लाहट बाहर वालों पर उतारता नजर आ रहा है। हालात यह बन पड़े हैं कि थोड़ी सी धूप निकलने के साथ ही मौसम की मार से पार पाना मुश्किल हो रहा है। मंगलवार की तरह बुधवार का दिन जिंदगी पर भारी नजर आया। घड़ी में सुबह के 9 बजने के साथ गर्मी का कहर बरपने लगा। दोपहर 11 बजे ही तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पार कर गया। जिससे जनजीवन जहां का तहां ठहर गया। आसमान से बरसती आग, जिंदगी की रफ्तार रोक रही है। सड़कों पर वही नजर आ रहे हैं। जिनका निकलने में निहायत जरूरी है।
जिला अस्पताल स्थित मानसिक रोग कक्ष।
ऐसी धूप में नहीं करेंगे काम, वरना हो जाएंगे बीमार
फतेहपुर। प्रकति से हो रहे खिलवाड़ की मार, उसे तबके पर सीधे देखने को मिल रही है, जो दो वक्त की रोटी के लिए रोजाना काम पर निकलते हैं। शहर के पीलू तले तिराहे और पीएसी लाइन के पास जुटने वाली कामगारों की भीड़ कम हो गई है। मजदूर, मौसम के कहर से बचने को काम से समझौता कर रहे हैं। इस वर्ग का कहना है कि ऐसी गर्मी काम करके वह बीमार नहीं पड़ना चाहते हैं। अभी एक वक्त की रोटी खा लेंगे।
शरीर के कूलिंग सिस्टम का भी रखें ख्याल
फतेहपुर। तौबा बुलाने वाली इस बार की गर्मी में घर का तापमान मेंटेन करने को कूलर और एयर कंडीशनर पर गौर किया जा रहा है। बिल्कुल वैसी दरकार शरीर के कूलिंग सिस्टम को मेंटेन करने की है। दरअसल, अधिक गर्मी और ज्यादा देर धूप में रहने के कारण शरीर से पसीना बाहर निकालने वाली स्वेट ग्लैंड ब्लॉक हो जाती है। जिससे शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती है। इसी वजह से बेचौनी होने लगती है। यही हीट स्ट्रोक की वजह बनती है। जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉक्टर केके पांडेय का कहना है कि हीट स्ट्रोक में बॉडी का कूलिंग सिस्टम फेल हो जाता है। तापमान हाई होने पर शरीर के सेल्स काम करना बंद कर देते हैं। इसी वजह से तेज बुखार के साथ मरीज को बेचौनी होती है।
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