फतेहपुर, मो. शमशाद । शहर के स्थानीय चिल्ड्रेन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में समर कैंप का अयोजन बड़े ही योजनाबद्ध ढंग से बच्चों में जीवन के नैतिक मूल्यों, जीवन जीने के शानदार तरीकों और अपने जीवन के लक्ष्यों के निर्धारण में दृढसंकल्प आदि उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के प्रबंधक सुनील श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, डायरेक्टर इंजीनियर प्राची श्रीवास्तव, प्रधानाचार्या डॉ. पद्मालयादास चौधरी, रेखा श्रीवास्तव व अनुराधा श्रीवास्तव ने फीता काटकर बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए किया। समर कैंप में पीजी से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों और शिक्षकों ने अपनी क्षमताओं और प्रतिभाओं का जमकर प्रदर्शन किया। पहले दिन आर्या एडवेंचर गेम्स के माध्यम से बच्चों में जीवन की जटिल परिस्थितियों एवं कठिन संघर्षों का डटकर सामना करने की योग्यता व क्षमता का विकास करने का प्रयास किया गया। दूसरे दिन टीचर्स ने पपेट डांस और स्टोरी के माध्यम से बच्चों में सृजनात्मक और रचनात्मक कार्यों में रुचि जागृत करने का सराहनीय प्रयास किया। पूल एक्टिविटी, डांस, विज्ञान आदि के साथ-साथ वेस्ट मैटीरियल जिन्हें हम बेकार समझ कर फेंक देते हैं। शिक्षकों
समर कैंप में हिस्सा लेते छात्र-छात्राएं। |
ने बच्चों को उनसे सुन्दर और आकर्षक आर्ट और क्रॉफ्ट के प्रयोग के गुर सिखाए। तीसरे दिन हमारे सुन्दर और आकर्षक पहने जाने वाले कपड़ों के लिए खादी ग्रामोद्योग में जाकर वर्कर द्वारा किए जाने वाले कठिन परिश्रम और उनके कार्यक्षमताओं को इंगित करते हुए कठिन परिश्रम के महत्त्व को प्रतिपादित किया गया। चौथे दिन बच्चों को शहर में स्थित वृद्धाश्रम ले जाकर उनके भीतर पारिवारिक संस्कार और नैतिक मूल्यों, जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के गुणों को विकसित करने का प्रयास किया गया। इसके अलावा ग्रीष्मकाल में घरेलू खाद्य पदार्थों के सेवन पर बल देते हुए कच्चे आम से बने पेय पदार्थ पना आदि का सेवन गर्मी से होने बीमारियों से बचाव आदि की भी शिक्षा दी गई। प्रधानाचार्या ने बच्चों को ग्रीष्मावकाश का भरपूर आनंद लेने के लिए अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक नियम बताए गए। भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों को करते रहने का आश्वासन दिया और बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर एचएम रीना शुक्ला, एकेडमिक कोर्डिनेटर स्वप्ना दीक्षित सहित बच्चे अभिभावक व शिक्षक अपना सहयोग देते रहे।
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