चुप्पी तोड़ मतदाताओं ने साफ कर दी चुनावी तस्वीर - Amja Bharat

Amja Bharat

All Media and Journalist Association

Breaking

Monday, May 20, 2024

चुप्पी तोड़ मतदाताओं ने साफ कर दी चुनावी तस्वीर

हर वर्ग ने कमल खिलाने में नहीं की चूक

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर सम्पन्न हुये मतदान में मतदाताओं ने खामोशी से मतदान किया। मतदान के बाद खुलकर मतदाताओं ने कहीं कमल, कहीं साइकिल तो कहीं हाथी पर मतदान किया। ज्यादातर स्थानों पर मतदाताओं ने कमल व साइकिल तथा हाथी को तरजीह देने की बात खुलकर कही। लोकसभा चुनाव में जिले की चित्रकूट व मानिकपुर विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा, सपा व बसपा के बीच एक-दूसरे को सह-मात देने का खेल मतदाता कई बूथों पर खेलते रहे। जिले में सवेरे नौ बजे तक महज 15.2 फीसदी मतदान हो सका। पिछले चुनाव 2019 की अपेक्षा ये प्रतिशत अधिक रहा। पूर्वान्ह 11 बजे 30.29 फीसदी मतदान हुआ। अपरान्ह एक बजे 41 फीसदी व तीन बजते-बजते मतदान का आंकड़ा 48.08 फीसदी हो गया। जबकि 2019 में ये आंकड़ा इससे कम था। मतदान प्रतिशत से जाहिर है कि लोगों में लोकसभा चुनाव के मतदान के प्रति इस बार खासा उत्साह रहा। शाम पांच बजे तक मतदान का प्रतिशत इस बार 57.03 फीसदी पहुंच गया है। कयास हैं कि शाम छह बजे तक ये प्रतिशत 60 का आंकड़ा पार कर जायेगा।

मतदान को जाती वृद्धा 

इसके अलावा पाठा क्षेत्र व शहर से सटे कुछ बूथों में प्रत्याशी के एजेन्ट व बस्ते नहीं दिखे। ये स्थिति कई स्थानों पर देखने को मिली। कई गांवों में लोग किसी दल के पोलिंग एजेन्ट नहीं बने। कुछेक पोलिंग एजेन्टों ने भितरघात भी किया। चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में शहरी मतदाताओं ने भाजपा व सपा को खासी तरजीह देते हुये बसपा को भी महत्व दिया है। तरौंहा के मतदाताओं ने भाजपा, सपा, बसपा को महत्व दिया है। शंकर बाजार के मतदाताओं ने कमल खिलाने में पूरा जोर लगाया। शहर के पुरानी बाजार, उटारखाना, कजियाना मोहल्ला में भी कुछ स्थान पर कमल तो ज्यादातर स्थान पर साइकिल व हाथी पर लोगों ने जीत-हार की परवाह बिना मतदान किया। सीआईसी
दोपहर में बूथ में सन्नाटा।

कालेज के बूथ में दो दलों पर ज्यादा मतदान हुआ। ब्राम्हण व दलित बाहुल्य गांवों में जहां कमल खिलता रहा, वहीं हाथी अलसाये अंदाज में चलता दिखा। कुर्मी बाहुल्य गांव में साइकिल खूब तेज दौड़ी। कहीं-कहीं पर गुटबाजी व प्रत्याशी से खफा ब्राम्हणों ने भी साइकिल व हाथी की सवारी पसन्द की। ब्राम्हण गुटबाजी वाले गांवों में कमल ने जबरदस्त जगह बनाई।


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages